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रायपुर

छत्तीसगढ़ में ब्लैक आउट होने पर 40 मिनट में चालू हो सकेंगे बिजलीघर

छत्तीसगढ़ में आकस्मिक ब्लैक आउट होने पर 40 मिनट के अंदर बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से दोबारा चल सकेगी। आकस्मिक ब्लैक आउट होने की स्थिति में ताप विद्युत गृहों को पुर्नसंचालित करने के लिए एक मॉकड्रिल की गई है।

रायपुरNov 28, 2021 / 02:23 pm

Ashish Gupta

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रायपुर. छत्तीसगढ़ में आकस्मिक ब्लैक आउट होने पर 40 मिनट के अंदर बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से दोबारा चल सकेगी। बिजली कंपनी के अधिकारियों ने प्रदेश में आकस्मिक ब्लैक आउट होने की स्थिति में ताप विद्युत गृहों को पुर्नसंचालित करने के लिए एक मॉकड्रिल छत्तीसगढ़ स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में सफलतापूर्वक पूरी की है।
मॉकड्रिल के माध्यम से अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि आपात स्थिति में पॉवर प्लांट के ब्लैक आऊट होने पर कोरबा पश्चिम के बिजली संयंत्रों को शुरू करने हेतु 40 मिनट में जल विद्युत संयंत्रों से बिजली पहुंचाई जा सकेगी। अचानक ब्लैक आऊट होने की स्थिति में पावर प्लांटों को फिर से स्टार्ट करना कठिन होता है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन एवं उत्पादन कम्पनी के प्रबंध निदेशक एस डी तैलंग तथा एन ए के बिजौरा के मागदर्शन में यह ड्रील संपन्न हुई है।

स्काडा सिस्टम से पूरी मॉनीटरिंग
बिजली कंपनी क अधिकारियों ने बताया, कि छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के डगनिया स्थिति लोड डिस्पैच सेंटर में एक्सपर्ट की मौजूदगी में स्काडा सेंटर से पूरी मॉनीटरिंग करके मॉक ड्रील सफलता पूर्वक पूरी की गई। इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड और स्टेट ग्रिड कोड प्रावधानों के अनुसार साल में दो बार इस तरह का मॉकड्रिल करना होता है। इस दौरान डंगनिया स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर में कार्यपालक निदेशक के एस मनोठिया, पीसी पारधी, सीएल नेताम एवं संदीप गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता शारदा सोनवानी, बी.अधिकारी, वाई.के. राव, अधीक्षण अभियंता संजय चौधरी एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की सक्रिय भूमिका रही।

इस तरह हुई मॉकड्रिल
विभागीय अधिकारियों ने बताया, कि मॉक ड्रिल के दौरान सबसे पहले बांगो जल विद्युत गृह, छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व के उपकेन्द्रों से फीड होने वाले क्षेत्रों को मिलाकर एक आईलैण्ड सब-सिस्टम बनाया गया । इसके बाद इस आईलैण्ड सब-सिस्टम में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित की गई। इस तरह एक बनावटी बिजली संकट छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा क्षेत्र में निर्मित किया गया। इसके पश्चात् इंजीनियरों की टीम ने युद्धस्तर पर बिजली संकट क्षेत्र में बिजली बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की।

इसके लिये बांगो में उपलब्ध डीजल जनरेटर सेट से बंद जल विद्युत इकाई क्रमांक-3 को सर्विस में लेकर बांगो उपकेन्द्र के बस को चार्ज किया गया और वहां उत्पादित बिजली को 132 केव्ही लाईनों के माध्यम से छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व 132 केव्ही उपकेन्द्रों तक पहुंचाया गया।
पूर्व निर्धारित 33/11 केव्ही विद्युत फीडरों को एक के बाद एक चालू कर बांगों की जल विद्युत इकाई से करीब 20 मेगावाट लोड लिया गया। इसके पश्चात् आईलैण्ड सब-सिस्टम की फ्रिक्वेन्सी एवं वोल्टेज को मॉनीटर करते हुए बांगो जल विद्युत गृह की सप्लाई को कोरबा पश्चिम ताप विद्युत गृह तक पहुंचाया गया । इस पूरी प्रक्रिया में 40 मिनट का समय लगा।

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