सरकारी कर्मचारियों के लिए भी पेंशन की व्यवस्था की गई है। सरकार ने 31 दिसंबर 2003 से पहले सरकारी नौकरी करने वालों को पेंशन की सुविधा दी है। वहीं वे कर्मचारी जिन्होंने 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी नौकरी शुरू की है उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।
पेंशन नहीं मिलने की समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 1 मई 2009 को नेशनल पेंशन सिस्टम की शुरुआत की थी। इसके तहत सरकारी या प्रायवेट नौकरी करने वाला कोई भी व्यक्ति एक तय रकम जमा कर के बुढ़ापे में पेंशन का लाभ ले सकता है।इसमें टायर-1 और टायर-2 दो तरह की कैटगिरी सुनिश्चित की गई है। टायर-1 में 50 हजार रुपए तक का निवेश कर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80CC (1B) के तहत अतिरिक्त टैक्स बचत का फायदा उठाया जा सकता है।
इसमें टायर-1 और टायर-2 दो तरह की कैटगिरी सुनिश्चित की गई है। टायर-1 में 50 हजार रुपए तक का निवेश कर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80CC (1B) के तहत अतिरिक्त टैक्स बचत का फायदा उठाया जा सकता है। एनपीएस में जमा किया जाने वाला पैसा किसी भी अन्य इन्वेस्टमेंट स्कीम्स में जमा किये जाने वाले पैसे की तरह होता है।
ज्यादातर प्राइवेट कंपनियां इम्पलॉयी प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) का इस्तेमाल कर कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखती हैं। ईपीएफओ में कर्मचारी के साथ-साथ कंपनियां भी निवेश करती है। ईपीएफओ भी सरकार की ही संस्था है। हालांकि NPS में निवेश के तमाम तरह के विकल्प मौजूद हैं। इसके साथ ही इसमें सरकार द्वारा ब्याज दरों को समय-समय पर बदला जाता है। ऐसे में एनपीएस में निवेश करने पर कोई भी कर्मचारी ईपीएफओ की तुलना में ज्यादा लाभ हासिल करता है।
ये भी योजनाएं देती है पेंशन का लाभ
एनपीएस और ईपीएफओ के अलावा आप चाहे तो अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में भी निवेश कर सकते हैं। नियमों के मुताबिक इस योजना में 18 से 40 साल का कोई भी व्यक्ति शामिल हो सकता है। इसमें सरकार द्वारा हर महीने 5,000 रुपए तक की पेंशन देने की व्यवस्था की गई है।
अगर कोई व्यक्ति एनपीएस, एपीवाई और ईपीएफओ में कम उम्र से ही निवेश करना शुरू कर देते हैं तो आपको बुढ़ापे में पेंशन की कोई टेंशन नहीं रहेगी। इनके अलावा स्वावलंबन योजना (एनपीएस-लाइट), प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना भी है जिसे सरकार ने समाज के वंचितों और असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए शुरू किया है।