अधिकारियों के मुताबिक अंशुल पाराशर ने विश्वविद्यालय से दो लोगों की नियुक्तियों से जुड़ी जानकारी मांगी थी। आवेदक को समय पर जानकारी नहीं मिली। प्रथम अपील में आवेदन निरस्त होने के बाद आवेदन के राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील प्रस्तुत की थी। इसकी सुनवाई करते हुए आयोग ने विश्वविद्यालय के जनसूचना अधिकारी (अनुभाग अधिकारी) संजना धर्मराज पर अर्थदण्ड लगाते हुए क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश दिया। अर्थदण्ड की राशि को दोषी जनसूचना अधिकारी के वेतन से कटौती कर कोष में जमा कराई जाएगी।
एक अन्य मामले में आवेदनकर्ता अंशुल पाराशर ने विश्वविद्यालय में उपयोग किए जा रहे वाहनों, हवाई यात्रा, निर्माण कार्यों की भी जानकारी मांगी थी। ये जानकारी भी समय पर नहीं मिली थी। इन मामलों की भी सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त ने जन सूचना अधिकारी पर अर्थदण्ड लगाते हुए क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए हैं।