डीकेएस में आर्थिक अनियमितता की शिकायतें मिलने के बाद राज्य सरकार ने जांच समिति का गठन किया था। समिति ने जांच में पाया कि अपात्र लोगों से पैसे लेकर उनकी नियुक्ति संस्थान में की गई है। इसके अलावा खरीदी-बिक्री व अन्य मामलों में भारी गड़बड़ी पाई गई है। वर्ष-2015 से 2018 के बीच डॉ. गुप्ता डीकेएस के अधीक्षक थे। जांच टीम ने उनके कार्यकाल के दौरान 50 करोड़ रुपए की आर्थिक अनियमितता का खुलासा किया है।