scriptपढ़कर आप भी हो जाएंगे हैरान, जानिए क्यों होती हैं रेलवे टिकट काउंटर पर तत्काल के लिए मारामारी | Railway E ticket fraud caught by the Chhattisgarh police | Patrika News
रायपुर

पढ़कर आप भी हो जाएंगे हैरान, जानिए क्यों होती हैं रेलवे टिकट काउंटर पर तत्काल के लिए मारामारी

* पिछले दो महीने में लगभग 20 लाख रुपए के कारोबार का हुआ भंडाफोड़, यात्री पीक सीजन में जगह-जगह फैला अवैध रूप से ई-टिकट का जाल
* 14 ई-टिकट दलाल रायपुर क्षेत्र में पकड़ाए
* 8 सेंटरों पर भिलाई में की गई कार्रवाई, एक राजिम में दबोचा गया
* 500 ई-टिकट सहित मोबाइल, कंप्यूटर सिस्ट जब्त किए गए
 

रायपुरMay 18, 2019 / 09:25 pm

Deepak Sahu

Special campaign of the commercial department in ticket counters

Special campaign of the commercial department in ticket counters

रायपुर। ई-टिकट दलालों के आगे रेलवे की आईआरसीटीसी का पूरा सिस्टम हांफ रहा है। इन्होंने आईआरसीटीसी में कुछ इस तरह घुसपैठ कर रखी है, आम लोगों को कंफर्म टिकट मिलना नामुमकिन है। ऐसे में आरपीएफ की टीम ने रायपुर, भिलाई और राजिम में छापा मारकर 22 टिकट दलालों को धरदबोचा। इनमें से 14 दलाल रायपुर में पकड़े गए हैं।
पिछले दो महीने के दौरान लगभग 20 लाख रुपए के ई-टिकट के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है। रायपुर के हीरापुर में 3, कबीरनगर में 3, गुढिय़ारी में 4, बिरगांव, कोटा, रेलवे स्टेशन परिसर, फाफाडीह से टिकट दलालों को पकड़ा गया।

ऐसे करते हैं खेल

टिकट दलाल एक आईडी का पंजीयन कराते हैं फिर कई अलग-अलग आईडी से खुलेआम अवैध रूप से ई-टिकट कारोबार चला रहे हैं। यहां तक स्टेशन परिसर के अंदर आकर ही लोगों को 200 से 300 रुपए अधिक लेकर कन्फर्म टिकट बेचने की हिम्मत करते हैं। जबकि आम यात्री ऑनलाइन ई-टिकट खुद की आईडी से एक या दो टिकट बुक कराने की कोशिश करता है तो दस बार सिस्टम हैंग हो जाता है। काफी कोशिशों के बाद उसे ई-टिकट हासिल हो पाता है। लेकिन ई-टिकट दलालों के पास तत्काल से लेकर प्रीमियम टिकट सैकड़ों की संख्या में होती है।

काउंटर खुलते ही शटडाउन

टिकट दलालों पर रेलवे शिकंजा नहीं कस पाया है। ई-टिकट सिस्टम को बढ़ावा देने के साथ जिस तेजी अवैध रूप से टिकट बेचने का कारोबार बढ़ा है, वह हैरान करने वाला है। रेलवे प्रशासन तत्काल कोटे के समय बदला है। फिर भी इसका लाभ पीक यात्री सीजन में नहीं मिल पा रहा है। जैसे ही सुबह 10.30 बजे एसी और 11 बजे स्लीपर कोच का तत्काल कोटा शुरू होता है तो रेलवे के ही मुख्य रिजर्वेशन काउंटर में कभी एक या दो तो कभी एक भी टिकट जरूरतमंद यात्रियों को नहीं मिल पाता है और तत्काल कोटा शटडाउन हो जाता है।

मोबाइल के इनबॉक्स में ही चार लाख का टिकट

रायपुर रेल मंडल के हर सेक्टर में छोटे से लेकर बड़े बाजारों में अवैध रूप से ई-टिकट का कारोबार जाल बिछा हुआ है। सुरक्षा अमले के आंकड़े बताते है कि विगत दिनों प्लेटफार्म एक पर दुर्ग साइड गुढिय़ारी का एक युवक पकड़ में आया, जिसके मोबाइल फोन इनबॉक्स में 4 लाख रुपए का ई-टिकट पकड़ा गया।
आरपीएफ के क्राइम ब्रांच प्रभारी बीके चौधरी का कहना है – रायपुर रेल मंडल सुरक्षा आयुक्त के निर्देश पर अभियान चलाया जा रहा है। पुख्ता सूचना पर सेंटरों पर छापामारी की जा रही है। इसमें सफलता मिली है। एक दिन में ही सात दलालों को पकड़ा गया। पिछले दो महीने में 20 से 22 प्रकरण ई-टिकट के दर्ज किए गए।
यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर रेलवे सुरक्षा बल लगातार नजर रखे हुए है। रेलवे के मुख्य टिकट आरक्षण केंद्र सहित अन्य काउंटर पर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। मैनुअल टिकट दलालों पर शिकंजा कसा है। आईआरसीटीसी की टीम अलग है, उसके जांच के सिस्टम की जानकारी नहीं है।
शिव प्रसाद पंवार, सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर, रायपुर

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