मृतक के पिता ने पुलिस को बताया, कि पहले उनका परिवार अनूपपुर जिले के राजनगर में रहता था। वे राजनगर कालरी में नौकरी करते थे और उनका लड़का डॉ जितेंद्र विश्वकर्मा वहीं डिस्पेंसरी चलाता था। यहीं जिले के एक युवक से डॉ. जितेंद्र की पहचान हुई और उसने परिवार की महिला का कई बार इलाज कराया था। इसी मेल-मुलाकात के दौरान डॉ. जितेंद्र के महिला से संबंध बन गए।
उनका कहना है कि कुछ दिन पहले डॉ जितेंद्र विश्वकर्मा के फोन पर महिला की बेटी का फोन आया था और वह जितेंद्र को धमका रही थी कि वह उनकी मां के साथ संबंध तोड़ ले। हालांकि डॉ जितेंद्र विश्वकर्मा ने उस युवती को समझाया था कि उनका उनकी मां के साथ किसी भी तरह का कोई संबंध नहीं है। डॉक्टर के पिता की सूचना पर पुलिस ने मामले में जांच शुरु कर दी है।