टफ होता है ऑडिशन
निहारिका ने बताया कि यहां तक पहुंचना इतना आसान नहीं था। लाखों को फाइट करते हुए आप आगे बढ़ते हैं। मैंने जीडी 1, जीडी 2 और थ्री राउंड क्लियर किए। पीआई राउंड करने के बाद कलिंग राउंड के लिए सलेक्ट हुई। इसके लिए मुझे 1 महीने का वक्त मिला, मैंने खुद को प्रीपेयर किया। ओवरऑल इंडिया में जहां भी ऑडिशन हुए कुल 45 में 19 को सलेक्ट होना था जिसमें 6 लोग पहले ही भीतर थे।इन चीजों को परखा जाता है
निहारिका ने बताया कि ऑडिशन में आपके डिसीप्लीन, हार्ड वर्क, मेंटल और फिजिकल स्ट्रेंथ को परखा जाता है। साथ यह देखा जाता है कि आपमें क्या डिफरेंट है। ऐसी कौन सी डिफरेंट चीज है जो 5 हजार लोगों में से आपको अलग करती है। इन सबके अलावा वन स्लेग स्कॉट मैंने किया। आप किस इलाके से आए हैं यह भी मायने रखता है। चूंकि मैं गीदम क्षेत्र की हूं। वहां से स्ट्रगल करते हुए पहुंची। सारी चीजें काउंट होती हैं।मॉम के सपोर्ट से ही यहां पहुंची
निहारिका ने बताया कि रोडीज में जाने के लिए पापा और दादा को मनाना पड़ा। वे राजी नहीं थे। मॉम का पूरा सपोर्ट रहा। इवन उनके सपोर्ट से ही यहां तक पहुंची हूं। मैंने कहा कि मैं खुद को साबित करना चाहती हूं। जबसे मेरी एंट्री रोडीज में हुई अब सभी देखते हैं। गीदम में पापा का बिजनेस है और मॉम एजुकेशन डिपार्टमेंट में हैं।