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रायपुर

स्मार्ट हुई रायपुर पुलिस, करोड़ों रुपए चुराने वाले हैकरों को किया हैक, जाने क्या है पूरा मामला

० साइबर क्राइम के मामलों में मिल रही बड़ी सफलता
० 4 माह में ठगों से बचाए 7 लाख रुपए से अधिक
० इंटरनेट, सीसीटीवी, मोबाइल बने मददगार

रायपुरApr 13, 2019 / 09:58 pm

Deepak Sahu

hack

स्मार्ट हुई रायपुर पुलिस, करोड़ों रुपए चुराने वाले हैकरों को किया हैक, जाने क्या है पूरा मामला

रायपुर. ऑनलाइन ठगी करने वाला मामूली ठग हो या हैकिंग के जरिए बैंक से करोड़ों रुपए चुराने वाले हैकर, सभी राजधानी में वारदात करके फंस रहे हैं। रायपुर पुलिस साइबर क्रिमनलों पर भारी पड़ रही है। पुलिस अपने इन्वेस्टीगेशन में इंटरनेट, मोबाइल, सीसीटीवी कैमरे जैसी टेक्नोलॉजी पर ज्यादा फोकस कर रही है। इससे जिले में हुए अधिकांश वारदातों को सुलझाने में पुलिस सफल हो रही है। इसके लिए पुलिस ने साइबर और टेक्नीकल जांच टीम बनाई है। टीम ठगी से लेकर गंभीर मामलों पर काम कर रही है। पिछले चार माह में पुलिस 53 लोगों को ठगे जाने से बचाया और उनके लाखों रुपए वापस दिलाया।

* 7 लाख से ज्यादा ठगों से बचाए

3 जनवरी से 10 अप्रैल 2019 तक पुलिस के पास एटीएम फ्रॉड, ऑनलाइन ठगी, ओएलएक्स आदि विभिन्न प्रकार के साइबर ठगी के 53 शिकायतें पहुंची। पीडि़तों को ठगों ने अलग-अलग ढंग से झांसा देकर किसी से 10 हजार, तो किसी का 20 हजार रुपए अपने-अपने बैंक खातों या पेटीएम आदि में जमा करवा लिए थे। शिकायत मिलने के बाद साइबर और टेक्नीकल टीम ने ठगों के खातों को ब्लॉक कराया और सभी पैसे वापस पीडि़तों के खाते में लौटाए। पुलिस ने कुल 7 लाख 74 हजार 130 रुपए 53 लोगों को लौटाया। इतनी राशि ठगी होने से बच गई।

-फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप आदि में दोस्ती और प्रेमसंबंध स्थापित करके शादी का प्रलोभन

-मेट्रीमोनियल साइट के जरिए शादी का ऑफर देकर

-सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती करना और फिर खुद को बड़ी परेशानी में बताकर ठगी

-बैंक अधिकारी बनकर आधार से लिंक, एटीएम कार्ड ब्लॉक बताकर

-क्रेडिट कार्ड लेने पर इनाम मिलने, कार्ड अपडेट करने के नाम पर

-करोड़ों डॉलर का इनाम, लॉटरी लगने का ईमेल भेजकर

-ओएलएक्स में कार, मोबाइल, बाइक बेचने के नाम पर

-ऑनलाइन खरीदे गए कपड़े या सामान खराब वाला भेजकर

-बंद इंश्योरेंस पॉलिसी चालू कराने का झांसा

हर साल बढ़ रहे मामले

इंटरनेट आधारित अपराध हर साल बढ़ रहे हैं। वर्ष 2017 में ऑनलाइन ठगी के करीब 40 मामले थे, जो वर्ष 2018 में 80 से अधिक हो गए। वर्ष 2019 में चार माह में ही पुलिस के पास 53 मामले ऐसे पहुंचे हैं, जो किसी न किसी तरीके से ठगों के जाल में फंस गए थे। ओएलएक्स के जरिए धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। फेसबुक के जरिए दोस्ती और ठगी के पिछले दो साल में 7 मामले सामने आ चुके हैं।


पैसा 24 घंटे के भीतर हो सकता है वापस

ऑनलाइन या साइबर ठगी करने वाले पीडि़त के बैंक खाते से पैसा का आहरण करके अपने और दूसरे के पेटीएम या उसकी तरह के दूसरे गेटवे में ट्रांसफर करते हैं, तो 24 घंटे तक राशि उसी में रहती है। इस दौरान पीडि़त बैंक या पुलिस अधिकारियों से संपर्क करता है, तो पैसे वापस होने की संभावना रहती है। बैंक और पुलिस अधिकारी मिलकर उस पैसे को वापस पीडि़त के बैंक खाते में ला सकते हैं। 24 घंटे के बाद रकम मिलना मुश्किल हो जाता है।

एसएसपी,रायपुर-आरिफ शेख का कहना है

विभिन्न तरीकों से इंटरनेट आधारित अपराध बढ़ रहे हैं। इससे पीडि़त लोगों को राहत पहुंचाने और साइबर क्रिमनलों को पकडऩे के लिए अलग टीम काम कर रही है। वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए ठगी के कई मामले सामने आए हैं, जिसपर हमारी साइबर और टेक्नीकल टीम ने काम करते हुए अपराधियों को पकड़ा है। ऑनलाइन ठगी के अलावा दूसरी गंभीर घटनाओं में भी टेक्नीकल टीम काम करती है। पुलिस की टीम हरसंभव कोशिश कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा मामलों का निराकरण किया जा सके।

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