डॉ. आदिले के विरुद्ध इसके पहले भी कई गंभीर आरोप लगते रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें सेवानिवृत्ति (31 मार्च) के एक दिन पहले संविदा पर 6 महीने के लिए नियुक्ति देते हुए, प्रभारी डीएमई बना रखा। सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध हुआ। मगर, अब दुष्कर्म जैसा गंभीर प्रकरण उजागर होने के बाद उनके विरुद्ध प्रमाण पाए जाने पर कार्रवाई की बात भी कही गई है।
उधर, पुलिस विभाग के मुताबिक पीडि़ता कांकेर की रहने वाली है। 27 जून 2020 को उसने डीएमई के खिलाफ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दुष्कर्म की लिखित शिकायत दी थी। जिसमें उल्लेख है कि 2017 में वह डीएमई (तब रायगढ़ मेडिकल कॉलेज डीन थे) से रायगढ़ में भर्ती परीक्षा के दौरान मिली थी। इसी दौरान उन्होंने उसे नौकरी लगवा देने का आश्वासन दिया था। शिकायत में उल्लेख है कि वर्ष 2018 में पीड़िता रायपुर आई।
डीएमई से उसका संपर्क हुआ। डीएमई उसे अपने घर ले गए। वहां उनसे दुष्कर्म किया और इसकी जानकारी किसी दूसरे को न देने की धमकी दी। युवती की शिकायत की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इस पूरे प्रकरण में डॉ. आदिले का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि मुझे फंसाया जा रहा है।
रायपुर महिला थाना की टीआई मंजूलता राठौर ने कहा, एसपी ऑफिस में लिखित शिकायत की गई थी। शिकायत की जांच के लिए पीडि़ता को बयान देने के लिए 3 बार नोटिस भेजा गया है, लेकिन अब तक पीडि़ता थाने में उपस्थित नहीं हुई है। बयान के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, डीएमई डॉ. आदिले के विरुद्ध एक महिला ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई है है। मैंने डॉ. आदिले को प्रभार से हटाने के लिए एसीएस को निर्देशित कर दिया है।