scriptUntold Story: आजादी के बाद छत्तीसगढ़ के इस शहर में पहली बार आए थे पंडित नेहरू | Revealed - Jawahar Lal Nehrus untold story after Independence | Patrika News
रायपुर

Untold Story: आजादी के बाद छत्तीसगढ़ के इस शहर में पहली बार आए थे पंडित नेहरू

आजादी के बाद पहली बार पंडित जवाहरलाल नेहरू छत्तीसगढ़ के इस शहर आए थे। यहां उन्होंने हजारों लोगों को अपने भाषण का दीवाना बनाया।

रायपुरAug 14, 2017 / 09:23 pm

Ashish Gupta

Jawahar Lal Nehru's untold story
रायपुर. किसी जमाने में कटोरा तालाब का एरिया एक विशाल मैदानी भू-भाग था। जहां राजनीतिक सभाएं हुआ करती थीं। प्रथम आम चुनाव के बाद पहली बार पंडित जवाहरलाल नेहरू रायपुर आए थे। यहां उन्होंने कटोरा तालाब के विशाल मैदान में हजारों लोगों को अपने भाषण का दीवाना बनाया।
इतिहासकारों के अनुसार इस क्षेत्र में कटोरे के आकार में तालाब हुआ करता था। जिसकी वजह से इस इलाके का नाम कटोरा तालाब पड़ा। इतिहास के पन्नों में अपनी पहचान खो चुकी कटोरा तालाब के कुछ अंश बताने जा रहे हैं जो आपको रायपुर के अतीत के बारे में परिचित कराएगा।
आजादी के बाद हुआ बस्ती का विकास
इतिहासकारों के अनुसार कटोरा तालाब का पूरा इलाका मैदान था। तब यह रायपुर का केन्द्र था। यहां पहली बार जब तात्कालिक प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आमसभा हुई, तो उस समय आसपास गांव के हजारों लोग उन्हें सुनने के लिए इकट्ठा हुए। इस क्षेत्र में खेत-खलियान, पेड़-पौधों की हरियाली आकर्षण का केन्द्र था। आजादी के बाद इस क्षेत्र का विकास होना शुरू हुआ, जो आज मार्केट और बड़ा रहवासी क्षेत्र बन चुका है।
कवर्धा राजा का था बाड़ा
बताया जाता है कि कटोरा तालाब का पूरा इलाका कवर्धा राजा का बाड़ा था। यहां राज परिवार के लोग आना-जाना करते थे। इसके अलावा उनके खलिहान की फसल भी बाड़ा में रखी जाती थी। यहां उनके कुछ मुलाजिम रहा करते थे।
कटोरा तालाब और तेलीबांधा तालाब निस्तारी का साधन
उस जमाने में कटोरा तालाब और तेलीबांधा तालाब लोगों के निस्तारी का साधन हुआ करता था। बताया जाता है कि सन् 1837 के दस्तावेज में मिला है कि दीनानाथ साव नामक व्यक्ति ने तेलीबांधा तालाब का निर्माण करवाया था। इसके आसपास का पूरा इलाका खेतों से घिरा हुआ था।
इतिहासकारों के अनुसार कटोरा तालाब एरिया दूधाधारी मठ का ग्रामीण क्षेत्र था। यहां विशाल मैदान, राजाओं का बाड़ा, खेत-खलिहान, पेड़-पौधों से घिरा हुआ था। आज जमाने के साथ-साथ कटोरा तालाब का इलाक घनी आबादी से घिर गया है तथा मार्केट का बहुत बड़ा केन्द्र बन चुका है।
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