जांच में मिलेगी मदद
यात्रियों की शिकायत या किसी घटना की जानकारी मिलने पर जब जवान वहां पहुंचेंगे तो घटना का फुटेज वर्दी में लगे कैमरों में रिकार्ड हो जाएगा। इस रिकार्डिंग की जांच आरपीएफ के पोस्ट कमांडर या सहायक सुरक्षा आयुक्त स्तर के अधिकारी करेंगे। बाद में इन कैमरों को ऑनलाइन भी जोड़ा जा सकता है, जिससे लाइव फुटेज अधिकारियों को मिल सकेगा।
कैमरे को नहीं कर सकेंगे बंद
विभागीय अधिकारियों की मानें तो जिन अफसरों को बॉडीवार्म कैमरा अलॉट होगा, वो वर्दी में कैमरा लगाने के बाद उसे बंद नहीं कर सकेंगे। कैमरा वर्दी में शर्ट के पास सामने की ओर लगाना होगा। ड्यूटी पर जाते समय जिस तरह से वायरलेस और हथियार जवान वर्दी में फिट करते हैं, उस तरह से कैमरा भी फिट करना होगा। जो पुलिस अधिकारी कार्रवाई या गश्त के दौरान बॉडीवार्म कैमरों को बंद करने की कोशिश करेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रायपुर से इन ट्रेनों में होती है गश्त
आरपीएफ अफसरों के अनुसार रायपुर से अमरकंटक एक्सप्रेस, ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस, कुर्ला एक्सप्रेस, सारनाथ एक्सप्रेस, बेतवा एक्सप्रेस और गरीब रथ एक्सप्रेस में गश्त करने की जिम्मेदारी रायपुर जोन के आरपीएफ कर्मियों को मिली है। इन ट्रेनों में रायपुर जोन के आरपीएफ कर्मी रायपुर से बिलासपुर और रायपुर से कुम्हारी तक गश्त करते हैं। इन ट्रेनों में 4 जवान और एक अधिकारी को गश्त करने के लिए आरपीएफ प्रभारी ने लगाया है।