हर घंटे बिजली गुल का 5 रु. देना ना पड़े, इसलिए योजना का प्रचार नहीं
बिजली कंपनी का खेल: नियामक आयोग के नियमों की अनदेखी

मोहित सेंगर@ रायपुर. बिना बताए बिजली गुल करने के बाद उपभोगताओं को क्षति पूर्ति की राशि ना देना पड़े, इसलिए बिजली कंपनी के जिम्मेदार विभाग में संचालित योजनाओं की जानकारी उपभोगताओं को देने से बच रहे है। बिजली नियामक आयोग के जिम्मेदारों ने जून माह में बिजली कंपनी के अफसरों को लाइन लॉस, फाल्ट सुधारने के साथ बिजली कटौती की समय सीमा का शेड्यूल दिया था। इस शेड्यूल के अलावा यदि लाइट उपभोगताओं को नहीं मिलती, तो बिजली कंपनी के जिम्मेदारों को प्रति घंटा 5 रुपए क्षतिपूर्ति करने का निर्देश दिया था। उपभोगताओं को क्षतिपूर्ति ना देना पड़े, इसलिए बिजली कंपनी के जिम्मेदारों ने इस योजना का प्रचार प्रसार नहीं किया। इसका असर यह हुआ, कि 7 माह में अब तक क्षतिपूर्ति लेने के लिए कोई भी क्लेम पूरे प्रदेश में नहीं हुआ है।
घंटों सुधार न होने पर भी नहीं मिलती थी क्षतिपूर्ति
बिजली कटौती या खराबी होने पर लोग घंटों कॉल सेंटर में फोन कर परेशान होते थे, लेकिन इसके बदले उन्हें क्षतिपूर्ति नहीं मिलती थी। हालांकि वितरण कंपनी ने कई ठोस कदम उठाए हैं, फिर भी उपभोक्ताओं की परेशानी खत्म नहीं हुई थी। नियामक आयोग के जिम्मेदारों का अनुमान था, कि क्षतिपूर्ति का प्रावधान होने पर कंपनी पर समय पर सुधार करने का दबाव रहेगा। लेकिन विभागीय अधिकारियों ने दबाव को खत्म करने के लिए योजना का प्रचार प्रसार नहंी किया।
इस तरह करें क्लेम
बिजली कटौती होने पर क्लेम करने के लिए उपभोगता को समय नोट करना होता है। समय नोट करने के बाद, अपने बिल नंबर की फोटो कॉपी कराकर जोन जाना पड़ता है, जोन प्रभारी को पूरी घटना बताना होना है। जोन प्रभारी एक फार्म देता है, उस फार्म में पूरी डिटेल लिखकर जमा करना होता है। जोन के जिम्मेदार फार्म को मुख्यालय भेजते है और मुख्यालय के जिम्मेदारों ने एप्रूवल मिलने के बाद भुगतान होगा या रीडिंग शुल्क से राशि को माफ किया जाएगा।
ये समय दिया था आयोग ने
10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शरह में 4 घंटे में लाइट सुधारनी होगी।
छोटे शहरों में 15 घंटों में लाइट दुरुस्त करनी होगी।
गांवों में 20 घंटे में बिजली कंपनी के कर्मचारियों को लाइट दुरुस्त करनी होगी।
शहर में ट्रांसफारमर खराब होने पर 24 घंटे में दुरुस्त करना होगा।
गांव में ट्रांसफार्मर खराब होने पर 5 दिन में दुरुस्त करना होगा।
मीटर जलने पर नया मीटर लगाने पर 8 घंटे से लेकर दो दिन में उसे दुरुस्त करना होगा। इससे ज्यादा देर कटौती होने पर बिजली वितरण कंपनी को अपने उपभोगताओं को क्षतिपूर्ति देनी होगी।
जिले से अब तक किसी भी उपभोक्ता ने लाइट बंद होने पर क्षतिपूर्ति राशि के लिए क्लेम नहीं किया है। क्लेम करने पर उपभोगता को आयोग के निर्देशानुसार भुगतान किया जाएगा।
एके लखेरा, अधीक्षण अभियंता, रायपुर शहर
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