बलौदाबाजार-गिधौरी मार्ग को उखाड़कर किया जा रहा पेचवर्क
बलौदाबाजार. एडीबी के तहत बलौदा बाजार-गिधौरी व्हाया लवन- कसडोल सड़क का निर्माण कराया गया था, परंतु घटिया सामग्री तथा निर्माण में गुणवत्ताहीन साधनों का उपयोग किए जाने से सड़क कई स्थानों पर धंसने लगी थी।

बलौदाबाजार. एडीबी के तहत बलौदा बाजार-गिधौरी व्हाया लवन- कसडोल सड़क का निर्माण कराया गया था, परंतु घटिया सामग्री तथा निर्माण में गुणवत्ताहीन साधनों का उपयोग किए जाने से सड़क कई स्थानों पर धंसने लगी थी। जिसके बाद बीते दिनों से विभाग द्वारा संबंधित ठेकेदार से सड़क के दबे हुए हिस्सों को फिर से उखाड़कर पेचवर्क किया जा रहा है। जिससे लोगों को आने वाले दिनों में राहत मिलने की संभावना है। वहीं क्षेत्रवासियों ने बलौदा बाजार-भाटापारा मार्ग का भी इसी प्रकार से पेचवर्क के जरिए तत्काल सुधार किए जाने की भी मांग की है।
विदित हो कि बलौदा बाजार-गिधौरी प्रोजेक्ट के तहत निर्माण किए जाने वाले मुख्य मार्ग का निर्माण हुए साल भर भी नहीं बीता था, परंतु विभागीय अधिकारियों की लापरवाही तथा संबंधित ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण में स्तरहीन सामग्री का उपयोग किए जाने की वजह से घटिया निर्माण की पोल निर्माण के कुछ ही माह के भीतर खुलने लगी थी। बलौदाबाजार से गिधौरी मार्ग में बड़े वाहनों के टायर के निशान बन गए थे तथा वाहनों के गुजरने की वजह से एक ओर सड़क पूरी तरह से दब चुकी थी। सड़क निर्माण के दौरान इसी तरह की लापरवाही को छिपाने के लिए बीते दिनों विभागीय अधिकारियों तथा संबंधित ठेकेदार द्वारा सड़क पर रेत का छिड़काव कर सड़क के निशान छिपाने का प्रयास किया गया था। परंतु हवा में रेत के उडऩे के बाद सड़क पर धंसने के निशान स्पष्ट रूप से नजर आ रहे थे। सड़क के एक ओर पूरी तरह से दब जाने से सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ रही थी।
इस मार्ग को लेकर लगातार शिकायतों के बाद बीते दिनों एडीबी द्वारा संबंधित ठेकेदार से इस मार्ग के दबे हिस्सों को उखाड़कर फिर से पैचवर्क कराया जा रहा है, जिससे लोगों को राहत मिली है। कार्य फिलहाल मुण्डा, लाहोद के पास कराया जा रहा है। इस मार्ग में कई स्थानों पर सड़क एक हिस्से में दब गई थी, जिससे लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता था।
122 करोड़ की सड़क धंस गई है
लवन रोड की ही तरह बलौदा बाजार से भाटापारा मार्ग की सड़क का भी बेहद बुरा हाल है। बलौदा बाजार से भाटापारा की ओर जाने पर कुकुरदी मोड़ के आगे अंबुजा माइंस के पास सड़क पर वाहनों के टायर के निशान स्पष्ट रूप से नजर आ रहे हैं। वाहनों के गुजरने की वजह से जिस प्रकार बरसात के दिनों में मिट्टी के कच्चे रास्ते में नालीनुमा गड्ढा बन जाता है। उसी प्रकार डामर की नवनिर्मित सड़क पर भी टायर के निशान के साइज में गड्ढा नजर आ रहा है। निर्माण के कुछ ही माह के दौरान सड़क का लेवल भी पूरी तरह से असमतल होने लगा है तथा सड़क कई स्थानों पर दबकर ऊपर-नीचे यानी असमतल होने लगी है। विशेषज्ञों ने बताया कि कमजोर रोलिंग तथा पानी तराई की वजह से अब बीटी वर्क यानी डामरीकरण दब रहा है। डामर की सड़क के लिए पानी का जमाव काफी हानिकारक होता है। आगामी बरसात के दिनों में डामरीकरण सड़क पर यदि पानी की निकासी सही तरीके से नहीं हुई तो जिस स्थान पर पानी भरेगा वहां से डामर के पूरी तरह से उखडऩे की आशंका भी बढ़ जाएगी। क्षेत्रवासियों ने कसडोल मार्ग की ही तरह भाटापारा मार्ग का भी तत्काल मरम्मत कराकर सुधारे जाने की मांग की है।
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