आरएसएसबी पर आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने मई माह में प्रधानमन्त्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए जमा किये गए टेंडर में फर्जी एफडीआर बनवाकर करोड़ों का घपला कर दिया। दिलचस्प यह रहा कि पीएमजीएसवाई में इन फर्जी एफडीआर की बदौलत कंपनी को करोड़ों के काम भी आवंटित कर दिए। कंपनी के प्रोपराइटर अविनाश सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह गड़बड़ी हमारे कमर्चारियों से हुई है, क्योंकि टेंडर जमा करने का काम वही करते हैं, वही स्टेट बैंक आफ इंडिया ने इस मामले की बुधवार को ही जानकारी मिलने की बात करते हुए कहा है कि हम जांच करा रहे हैं।
एसबीआई चेयरमैन को पहुंची शिकायत
मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार विनोद सिंह राठौर, शैलेन्द्र बहादुर सिंह और शेख जाकिर हुसैन ने इस गंभीर मामले को लेकर स्टेट बैंक आफ इंडिया के चेयरमैन को भी शिकायत दर्ज कराई है। जिसमे कहा गया है कि उक्त फर्म द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर मई 2018 के बीच स्टेट बैंक आफ इंडिया की एसएमई शाखा में कई करोड़ के फर्जी एफडीआर बनवाए गए हैं।
48 हजार के एफडीआर को 48 लाख का बनाया
सड़क के ठेकों में फर्जीवाड़े के इस गंभीर मामले के सम्बन्ध में बताया जाता है कि आरएसबीबी लिमिटेड लोकनिर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई, पुलिस हाउसिंग बोर्ड समेत कई विभागों में काम करते हैं पिछले दिनों उनके द्वारा पीएमजीएसवाई के तीन कार्यों के लिए निविदा डाली गई थी। तमाम विभागों को की गई शिकायत में कांट्रेक्टर्स ने बताया कि निविदा ( एनआईटी- 300) के अंतर्गत सीईओ छत्तीसगढ़ रूरल रोड डेवेलपमेंट एजेंसी के नाम से स्टेट बैंक से तीन एफडीआर बनवाये गए जो कि विगत 14 मई को खोली गई।
निविदा क्रमांक 33748, 33750 और 33751 के अंतर्गत तीनों कार्यों में भदौरिया कंपनी एल-1 रही। जब इसकी जांच कराई गई तो पता चला कि इन तीनों निर्माणों के लिए जो एफड़ीआर बनवाये गए थे वो फर्जी थे जैसे कि कंपनी द्वारा 48 हजार 610 रूपए मूल्य का एफडीआर 9 मई को बनावाया गया जिसका एफड़ीआर खाता संख्या 37694521677 और सीआईएफ़ नंबर – 8512757567-7 है फिर उसमें फर्जीवाड़ा करके उसे अडतालीस लाख 61 हजार रुपए का बनाकर बंधक बनवा दिया गया। इसी तरह से 25 लाख और 40 लाख के फर्जी एफडीआर भी बनवाये गए।
जगदलपुर आरबीओ स्टेट बैंक आफ इंडिया एजीएम विजय रायकवाड़ ने कहा कि हमें आज दोपहर में इस मामले की जानकारी मिली है हम इसकी जांच करा रहे हैं। आरएसबीबी कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के अविनाश सिंह ने कहा कि यह गड़बड़ी हमारे कर्मचारियों से हुई है, या फिर किसी ने हमें फंसाने के लिए ऐसा किया है।