सरगना की तलाश
इस गिरोह का सरगना दिल्ली में ही रहता है। वह केवल उसके बैंक खाते का प्रयोग करता था। उन खातों में प्रतियोगी परीक्षा देने वाले कई परीक्षार्थियों से पैसा जमा करवाया जाता था। एक खाते का किराया 3 हजार रुपए दिया जाता था। बैंक खातों से मिले एटीएम कार्ड का इस्तेमाल सरगना ही करता है। सभी बैंक खाते एसबीआई, सेंट्रल बैंक, पीएनबी, एक्सिस बैंक में हैं।
8 बैंक खातों में रकम ट्रांसफर होता था
दीपक के नाम से अलग-अलग बैंकों में 8 खाते हैं। उन खातों में एसएससी के प्रतिभागियों से सिक्योरिटी मनी के नाम पर ली जाने वाली राशि को जमा किया जाता था। इन खातों को खुलवाने के लिए दीपक ने एड्रेस प्रूफ के जो दस्तावेज लगाए थे, वह सभी कूटरचित हैं। आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि फर्जी पाए गए हैं।
बैंकों को भेजेंगे नोटिस
दीपक कुमार ने फर्जी पते के आधार पर बैंकों में खाता खुलवाया है। इस संबंध में बैंकों के अधिकारियों की अनदेखी सामने आई है। एसएसपी से कहा कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जिन बैंकों में खाते खोले गए हैं, उन बैंकों के अधिकारियों को नोटिस भेजा जाएगा।
हूबहू था पत्र, मोबाइल नंबर से हुआ शक
आरोपियों ने जिन प्रतिभागियों को ज्वॉयनिंग लेटर भेजा था, वह हूबहू एसएससी से जारी की जाने वाली पत्रों की तरह ही था। उसमें एसएससी (Staff Selection Commission) और भारत सरकार का मोनो लगा था। लेटर के बीच में एक मोबाइल नंबर लिखा होता था, जिसमें संपर्क करने के लिए कहा जाता था।