मिली जानकारी के मुताबिक जीएसटी (GST) की टीम ने मेसर्स नारायण स्टील ने मेसर्स ओम इस्पात को 96.44 करोड़ का एक जाली इन्वॉयसेस जारी किया था। जिसमें पुनः अनुचित रूप से मेसर्स एच के इंटरप्राइजेज को आईटीसी जारी कर दिया। जबकि मेसर्स एच के इंटरप्राइजेस के नाम पर फ़र्ज़ी बिलिंग के मामलें में पहले भी कार्यवाही जीएसटी की टीम कर चुकी है।
इधर जब जीएसटी (GST) की टीम ने मेसर्स नारायण स्टील की जांच पड़ताल की तो इस नाम की न कोई कंपनी मिली और न ही पते पर संबंधित कामकाज। इस कम्पनी को टैक्स चोरो ने केवल जाली बिल बनाकर फर्जी टैक्स क्रेडिट पास कराने के लिए बनाया गया था। इस आरोप में नारायण स्वामी को केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 132 और धारा 69(1) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है।
इधर छत्तीसगढ़ GST के प्रधान आयुक्त पीपी महापात्रा ने कहा कि फर्म की शुरुआती जांच में हमे यह संकेत मिले थे। जाली इनपुट टैक्स क्रेडिट बिलों को जारी करने वाले व्यापारियों को एक रैकेट राज्य के अलग-अलग कोने में फैला हुआ है।