शहर के प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल बस्तर हाई और एमएलबी के अनुभवी शिक्षक टीवी पर क्लास ले रहे हैं। १२वीं के गणित, विज्ञान संकाय के शिक्षक क्लास की तरह ही छात्रों की पढ़ाई करवा रहे हैं। टीवी पर पढ़ाई करवाने से पूर्व शिक्षकों ने विशेष तैयारी की और अब इसका नतीजा सामने आने लगा है। छात्रों का सिलेबस तेजी के साथ पूरा हो रहा है। आने वाले समय में टीवी चैनल के माध्यम से ही टेस्ट सिरीज आयोजित करने की भी तैयारी की जा रही है। हालांकि इसका प्रारूप कैसा होगा यह अभी तय नहीं हो पाया है। रिकॉर्डेड मटेरियल गांवों तक पहुंचाने की चल रही तैयारी शिक्षक लाइव क्लास ले रहे हैं इस दौरान उनका लेक्चर रिकॉर्ड भी किया जा रहा है। रिकॉर्डेड लेक्चर वरिष्ठ व्याख्याताओं के हैं जिन्हें आगामी दिनों में जिले के अन्य संकुलों तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। पढ़ई तुंहर द्वार कार्यक्रम के तहत बच्चों तक लेक्चर का वीडियो प्रसारित किया जाएगा। साथ ही वीडियो का प्रयोग लाउडस्पीकर वाली क्लास में भी किया जाएगा। [typography_font:18pt;” >जगदलपुर . कोरोना काल में स्कूली बच्चों की पढ़ाई अनवरत जारी रहे इसके लिए पूरे देश में प्रयास हो रहे हैं। कहीं वचुअल क्लास चल रही है तो कहीं बच्चों तक ऑनलाइन मटेरियल पहुंचाया जा रहा है। बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का पूरा पैटर्न भी बदल चुका है। छत्तीसगढ़ में सरकार पढ़ई तुंहर द्वार कार्यक्रम के तहत बच्चों तक आसानी से शिक्षा पहुंचाने की कवायद में जुटी है। पढ़ई तुंहर द्वार के माध्यम से शिक्षा के संचार के मामले में बस्तर जिला प्रदेश के सभी जिलों को पीछे छोड़ चुका है। यहां सरकारी स्कूलों के शिक्षक और शिक्षा महकमे के अफसरों के इनोवेटिव आइडिया की वजह से बच्चों तक आसानी से शिक्षक पहुंच रहे हैं। लोहांडीगुड़ा ब्लॉक में लाउडस्पीकर से पढ़ाई का मॉडल पूरे प्रदेश में हिट हो चुका है अब जगदलपुर शहर के शिक्षक टीवी वाली शिक्षा क्रांति पर काम कर रहे हैं। दरअसल शहर के एक निजी केबल चैनल पर सरकारी स्कूलों के शिक्षक हर दिन ६वीं से १२वीं तक की ६ घंटे तक लगातार लाइव क्लास ले रहे हैं। प्रदेश में ऐसी पहल करने वाला बस्तर पहला जिला बन चुका है। इस इनोवेटिव पहल का हजारों छात्रों को फायदा हो रहा है। सरकारी स्कूलों के साथ ही सीजी बोर्ड से संबद्ध प्राइवेट छात्रों को भी इससे मदद मिल रही है। हिंदी के साथ ही अंग्रेजी माध्यम में भी पढ़ाई करवाई जा रही है। इस पहल से हजारों बच्चों को फायदाइस पहल से हजारों बच्चों को फायदा हो रहा है, जिस वक्त यह प्रस्ताव उन तक पहुंचा था तब उन्हें संशय था कि इसमें सफलता मिल पाएगी या नहीं लेकिन अब इसे लेकर पॉजीटिव फीडबैक आ रहा है। शिक्षक भी बच्चों को पढ़ाने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं। राजेंद्र झा, डीईओ जगदलपुर