रायपुर जिले में कोरोना के शुरुआती दौर में 200 से 250 के बीच सैंपल हो रहे थे। मई-जून में 500 हुआ, जो कुछ दिनों बाद ही 900 पहुंच गया। जुलाई, अगस्त व सितंबर में 1500 से 2000 तथा अक्टूबर में 2400 सैंपल जांच किए गए। 5 नवंबर के बाद 3274 कर दिया गया, जो विगत सप्ताहभर से 3544 हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में पहले जांच कम हो रही थी, जिसे बढ़ाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी भ्रांतियां फैली हुई थी कि यदि सर्दी-खांसी है और कोरोना जांच कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाएगी। अब यह भ्रांति दूर हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के सरपंचों को अधिक से अधिक लोगों की जांच कराने के लिए कहा गया है।
शहर के चारों तरफ से मिल रहे थे मरीज
कोरोना के शुरुआती दौर में राजधानी के हर गली-मोहल्ले से संक्रमित निकल रहे थे, अब इस पर कुछ अंकुश लगा है। बिरगांव, उरला, हीरापुर, कबीरनगर, टाटीबंध, कुकुरबेड़ा, मंगलबाजार में स्वीपर कॉलोनी, ईदगाहभाठा, गुढिय़ारी, लाखेनगर, शिवानंदनगर, चंगोराभाठा, भाठागांव, मठपुरैना, मठपारा, शंकरनगर, न्यू शांति नगर, दलदल सिवनी, सड्डू, देवपुरी आदि क्षेत्रों से मरीजों की संख्या में कमी आई है।
कोरोना के शुरुआती दौर में राजधानी के हर गली-मोहल्ले से संक्रमित निकल रहे थे, अब इस पर कुछ अंकुश लगा है। बिरगांव, उरला, हीरापुर, कबीरनगर, टाटीबंध, कुकुरबेड़ा, मंगलबाजार में स्वीपर कॉलोनी, ईदगाहभाठा, गुढिय़ारी, लाखेनगर, शिवानंदनगर, चंगोराभाठा, भाठागांव, मठपुरैना, मठपारा, शंकरनगर, न्यू शांति नगर, दलदल सिवनी, सड्डू, देवपुरी आदि क्षेत्रों से मरीजों की संख्या में कमी आई है।
एंटीजन में निगेटिव तो आरटी-पीसीआर जांच
जिले में कोरोना मरीजों की पहचान के लिए ज्यादा से ज्यादा एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है। कोरोना के लक्षण होने के बाद भी एंटीजन से टेस्ट रिपार्ट निगेटिव आने पर मरीजों का आरटी-पीसीआर जांच की जा रही है। पॉजिटिव पाए जाने पर मरीज की तबियत के अनुसार होम आइसोलेशन या अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना को नियंत्रित करना है, तो सैंपल जांच के साथ कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग और घर-घर जाकर सर्वे पर ध्यान देना होगा। पहले की भांति वर्तमान में यह काम नहीं किए जा रहे हैं।
जिले में कोरोना मरीजों की पहचान के लिए ज्यादा से ज्यादा एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है। कोरोना के लक्षण होने के बाद भी एंटीजन से टेस्ट रिपार्ट निगेटिव आने पर मरीजों का आरटी-पीसीआर जांच की जा रही है। पॉजिटिव पाए जाने पर मरीज की तबियत के अनुसार होम आइसोलेशन या अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना को नियंत्रित करना है, तो सैंपल जांच के साथ कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग और घर-घर जाकर सर्वे पर ध्यान देना होगा। पहले की भांति वर्तमान में यह काम नहीं किए जा रहे हैं।
विगत 8 दिनों में हुई जांच व मिले मरीज
तारीख जांच मरीज मौत २३ नवंबर ३७७७ २१३ २
२४ नवंबर ३६७७ १८२ २ २५ नवंबर २९४४ १६७ २
२६ नवंबर ३३४९ २०० ० २७ नवंबर ३२६९ १८३ १
२८ नवंबर २५११ १४८ १
तारीख जांच मरीज मौत २३ नवंबर ३७७७ २१३ २
२४ नवंबर ३६७७ १८२ २ २५ नवंबर २९४४ १६७ २
२६ नवंबर ३३४९ २०० ० २७ नवंबर ३२६९ १८३ १
२८ नवंबर २५११ १४८ १
२९ नवंबर ११३३ १२२ १
३० नवंबर १७१२ १३९ ३ कोरोना के संक्रमित मरीज कम मिल रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वायरस समाप्त हो गया है। वैक्सिन या दवा जब तक नहीं आ जाती, तब तक मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में सैंपल जांच का आंकड़ा बढ़ा है।
डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर
३० नवंबर १७१२ १३९ ३ कोरोना के संक्रमित मरीज कम मिल रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वायरस समाप्त हो गया है। वैक्सिन या दवा जब तक नहीं आ जाती, तब तक मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत जरूरी है। ग्रामीण क्षेत्रों में सैंपल जांच का आंकड़ा बढ़ा है।
डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ, रायपुर