इस अवसर पर डिलमिली में संसदीय सचिव रेखचंद जैन, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एमआर निषाद, कलेक्टर रजत बंसल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री बघेल ने योजना के शुभारंभ के अवसर पर किसानों के साथ वर्चुअल बातचीत की। बातचीत के दौरान डिलमिली में कॉफ़ी की खेती करने वाले किसानों की अगुआई कर रहे जलनु राम बघेल ने मुख्यमंत्री बघेल के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि धान की खेती को छोड़कर अन्य फसल लगाने वाले तथा फलदार वृक्षों को लगाने वाले किसानों का हौसला तीन वर्ष तक प्रति एकड़ दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने से निश्चित तौर पर बढ़ा है।
बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनकी पढ़ाई स्नातक तक हुई है। इस दौरान उन्होंने दरभा के किसानों द्वारा काफी की खेती करने की बात सुनी और उन्होंने वहां जाकर स्वयं देखा। इसके पश्चात् वे उद्यान महाविद्यालय के वैज्ञानिकों से मिले और कॉफ़ी के खेती की इच्छा जाहिर की।
उद्यान महाविद्यालय द्वारा इसके लिए पहले भूमि का परीक्षण किया गया और इसके पश्चात् भूमि को कॉफ़ी की खेती के अनुकूल पाए जाने पर कॉफ़ी की खेती का प्रशिक्षण दिया गया। जलनू ने अपने गांव के अन्य किसानों को भी कॉफ़ी की खेती के लिए तैयार किया।
जिला प्रशासन द्वारा भी कॉफ़ी की खेती के लिए उत्सुक इन किसानों का भरपूर सहयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बघेल ने किसानों द्वारा लिए गए निर्णय की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि क्षेत्र के अन्य किसानों को भी ऐसे कार्यों के लिए प्रोत्साहित किया जाए, जिससे उनके आय में वृद्धि हो।