शिक्षक सीमांचल त्रिपाठी ने निभाई है अहम भूमिका
रायपुर•Jan 18, 2020 / 11:43 pm•
ashutosh kumar
अनूठी पहल: बच्चों की कैबिनेट के फैसले से इस स्कूल में होती है बिना बस्ते के पढ़ाई
बच्चों के कंधे से बस्ते का बोझ हल्का करने शुरू की गई पहल
रायपुर. शिक्षा जगत के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक ऐसा विद्यालय है जहां बच्चे बिना कापी-किताब के स्कूल पहुंचते है। स्कूली बच्चों के कंधे से बस्ते का बोझ हल्का करने इस शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला रूनियाडीह स्कूल में अनोखी पहल की गई है। बिना बस्ते के बच्चों को स्कूल बुलाने का मकसद उनके मन से पढ़ाई का प्रेशर खत्म करना है।
राजधानी रायपुर से करीब 350 किमी दूर सूरजपुर जिले के इस स्कूल में बच्चों की कैबिनेट का हुक्म चलता है। बच्चे जो फैसला लेते हैं वह बड़ों और शिक्षकों को भी मानने होते हैं। बाल कैबिनेट के फैसले की वजह से आज यह स्कूल पूरी तरह से बस्तामुक्त हो गया है। इस स्कूल में बच्चों और शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित है।
इसमें शिक्षक सीमांचल त्रिपाठी ने अहम भूमिका निभाई है। सीमांचल त्रिपाठी का कहना है कि उन्होंने बाल कैबिनेट के प्रथम पारित प्रस्ताव के पालन में स्कूल में पाठ्यपुस्तकों का एक सेट रखवाया है। बच्चे अपनी पुस्तकें और कॉपी घर में ही रखते हैं और घर पर ही पढ़ाई करते हैं। पाठशाला में एक अतिरिक्त सेट रखा गया है। ऐसे में बच्चे स्कूल बिना बस्ता के ही आते हैं।