इस मामले पर क्रेडाई छत्तीसगढ़ के पदाधिकारियों का कहना है कि कोविड-19 के इस दौर में रजिस्ट्री की यह संख्या संतुष्टिजनक है। देश के अन्य राज्यों में जब रियल एस्टेट बाजार में कमी दर्ज की गई है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के कई जिलों में मांग अभी भी बरकरार है। क्रेडाई के लीगल एडवाइजर विजय नत्थानी ने बताया कि प्रापर्टी की अहमियत अब लोग समझने लगे हैं। रियल एस्टेट के संबंध में राज्य सरकार के कई सकारात्मक फैसलों का भी असर हुआ है।
ईडब्ल्यूएस जमीनों पर सरकार से बातचीत क्रेडाई छत्तीसगढ़ के पदाधिकारी ईडब्ल्यूएस की जमीनों को लेकर राज्य सरकार से बातचीत करने का प्रयास कर रही है। इस मामले में शीघ्र ही एक बैठक आयोजित की जाएगी। रियल एस्टेट डेवलपर्स का कहना है कि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में 15 फीसदी ईडब्ल्यूएस की जमीनें बंजर पड़ी हुई है। इन जमीनों पर सरकार यदि अनुमति दें तो गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए कम कीमतों में बेहतर मकान तैयार किया जा सकता है। वैसे भी सरकार ने ईडब्ल्यूएस और एलआईजी प्रापर्टी की रजिस्ट्री के लिए पंजीयन राशि तय कर दी है।
पुराने सौदे पर मुहर नवंबर-दिसंबर-2019 से लेकर जून 2020 तक के सौदे अब पंजीयन में तब्दील हो रहा है। रियल एस्टेट डवलपर्स का कहना है कि कोरोना काल में हर किसी को मकान और प्रापर्टी की अहमियत समझ आ रही है। किराए के मकानों में रहने वाले परिवार अब कोई भी देरी नहीं करना चाहते हैं। यही कारण है कि पुराने सौदे भी अब रजिस्ट्र्री में तब्दील हो रहा है। इसके साथ ही जमीनों के सौदे अब निर्णायक मुकाम पर पहुंच रहे हैं।
जिलों में हर दिन 170 से 180 रजिस्ट्री प्रदेश के विभिन्न जिलों की स्थिति पर गौर करें प्रत्येक दिवस में 130 से लेकर 180 रजिस्ट्री की जा रही है। राजधानी में औसत रजिस्ट्री की संख्या पर गौर करें तो यह तादाद प्रत्येक दिवस में 170 से 180 है। एक महीने के भीतर राजधानी में 5000 से अधिक दस्तावेजों का पंजीयन किया जा रहा है। अन्य जिले जैसे बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई, अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा, जगदलपुर, राजनांदगांव, कर्वधा, सरगुजा, बलौदाबाजार, धमतरी में भी रियल एस्टेट बाजार को लेकर डवलपर्स में नई उम्मीदें जगी है।
फैक्ट फाइल
प्रदेश में 1 से 30 जून 2020 तक के आंकड़े
79.76 करोड़ -स्टाम्प शुल्क
46.68 करोड़ – पंजीयन शुल्क
27759- पंजीयन दस्तावेजों की संख्या
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6.25 फीसदी- स्टॉम्प शुल्क
4 फीसदी- पंजीयन शुल्क
1200 से 1300 करोड़- कुल खरीदी-बिक्री
वर्जन जून महीने में प्रदेशभर में रजिस्ट्री के आंकड़ों पर गौर करें तो इसकी संख्या 27500 से अधिक है। लॉक-डाउन और अनलॉक दोनों स्थितियों में ही प्रदेश में प्रापर्टी के सौदे में गिरावट नहीं आई है। बेहतर राजस्व की संभावना आगे भी है।
धर्मेंश साहू महानिरीक्षक, पंजीयन