गैस सिलेंडर वितरण के मामले में यह जिला प्रदेश में आगे भी चल रहा है, लेकिन गैस रिफलिंग कराने के मामले में स्थिति बहुत खराब हैं। इस योजना के तहत गैस कनेक्शन लेने के बाद 80 प्रतिशत हितग्राही भी गैस खत्म होने के बाद पुन: रिफलिंग कराने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। अधिकांश गैस एजेंसियों में रिफलिंग कराने वालों की संख्या गिनती में हैं।
खाद्य विभाग के सूत्रों की माने तो इस साल २३ हजार हितग्राहियों को उज्जवला योजना से लाभान्वित किया जाना है, जिसमें से १२ हजार शेष बचे हैं। नगरी ब्लाक के रिसगांव, बोराई, अरौद समेत अन्य गांवों के हितग्राहियों को रिफलिंग कहां कराना है, इसकी जानकारी भी नहीं हैं। जब से उज्जवला योजना शुरू हुई है, तब से कीमत बढ़ती जा रही है। हितग्राही हेमलता मंडावी, खिलेश्वरी साहू आदि ने बताया कि इस साल जून महीने में गैस सिलेंडर की कीमत 624 रुपए थी, जो जुलाई महीने में बढ़कर 636 रुपए हो गई। वर्तमान में इसकी कीमत 812 रुपए है, जिसके कारण गैस रिलफलिंग कराने में परेशानी हो रही है।
बीके कोर्राम, अधिकारी खाद्य विभाग