scriptतीसरी लहर की आशंका पर स्वास्थ्य मंत्री बोले, कोई वैज्ञानिक आधार नहीं, लेकिन तैयारियों में कोई कमी नहीं | There is no scientific base for third wave of coronavirus: TS Singhdeo | Patrika News
रायपुर

तीसरी लहर की आशंका पर स्वास्थ्य मंत्री बोले, कोई वैज्ञानिक आधार नहीं, लेकिन तैयारियों में कोई कमी नहीं

देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि इस लहर में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

रायपुरJun 13, 2021 / 09:39 pm

Ashish Gupta

ts_singh_deo_news.jpg

तीसरी लहर की आशंका पर स्वास्थ्य मंत्री बोले, कोई वैज्ञानिक आधार नहीं, लेकिन तैयारियों में कोई कमी नहीं

रायपुर. देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर (Third wave of coronavirus) की आशंका जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि इस लहर में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (CG Health Minister TS Singhdeo) का कहना है, ‘ऐसी कोई महामारी नहीं आ रही जो बच्चों को प्रभावित करे। यह सिर्फ आशंका है। ये बातें सिर्फ चर्चा में हैं, इसका कहीं कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह सोच इसलिए है, क्योंकि 18 से अधिक आयुवर्ग के नागरिकों को वैक्सीन लग रही है। स्वाभाविक है कि वे संक्रमण से बचे रहेंगे। रह गए 18 साल से कम आयुवर्ग के लोग यानी बच्चों, जिन्हें लिए वैक्सीन नहीं है, इसलिए ऐसी आशंका है कि वे संक्रमित हो सकते हैं।’

यह भी पढ़ें: देश के राज्यों की राजधानियों में रायपुर में सबसे कम एक्टिव मरीज, 6 बिंदुओं में जानें कैसे काबू में हुआ संक्रमण

रायपुर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान सिंहदेव ने कहा कि अगर हम राज्य में आई कोरोना की दोनों लहरों का मूल्यांकन करें तो 20 से कम आयुवर्ग के लोगों के संक्रमित होने की संख्या और मौत के आंकड़े बहुत कम है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर तमाम तैयारियां कर रहा है, ताकि संक्रमित होने पर बच्चों को त्वरित इलाज मिल सके। गौरतलब है कि राज्य में कुल संक्रमित व्यक्तियों में 8 प्रतिशत संक्रमितों की उम्र 20 साल से कम है।

यह भी पढ़ें: संक्रमण दर-मृत्यु दर कम, रिकवरी रेट बढ़ा, इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना चला गया, बरते ये सावधानियां

राज्य सरकार की तैयारियां
1- कलेक्टरों को निर्देश नियोनेटल इंटेनसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) बेड तैयार करें।
2- जिन अस्पतालों में शिशुरोग विशेषज्ञ हैं वहां पर आईसीयू बनाएं।
3- बच्चों के बेड के साथ माता या पिता के लिए भी एक बेड लगाएं, ताकि वे उनके साथ रहकर देखभाल कर सकें।
4- सीजीएमएससी को निर्देश कि वे इलाज की सभी सामग्री, जैसे दवाएं और अन्य उपकरण खरीदकर रखें।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x81xm9f
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो