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रायपुर

एग्जाम मंथ का असर किचन तक, जानिए क्या बन रहा है रसोई में

स्कूल से लेकर कॉलेज तक परीक्षाओं का दौर जारी है, ऐसे में शहर की मॉम्स बच्चों की केयर कर रही हैं।

रायपुरMar 16, 2018 / 01:28 pm

Tabir Hussain

exam food
ताबीर हुसैन @ रायपुर . एग्जाम मंथ में मॉम्स बच्चों का विशेष ख्याल रखती हैं। उनके जागने से लेकर सोने तक केयर करती हैं। यहां तक की खाना भी एेसा होता है जिससे पेट हल्का रहे, नींद न आए और ब्रेन फिट रहे। स्वास्थ्य से खानपान का गहरा नाता है। परीक्षा के दौरान थोड़ा भी ऊंचा-नीचा हुआ तो साल बर्बाद होने का डर रहता है। इसलिए शहर की मॉम्स की रसोई इन दिनों अलर्ट है। आज सिटी की महिलाओं से जाना कि इन दिनों बच्चों को कैसा मेनु प्रोवाइड करा रही हैं।

लाइट फूड को दे रही प्रायोरिटी
आम्रपाली सोसायटी निवासी मोनिका सुराना की बेटी चेरिसा 12 वीं में है और सन आर्यन सातवीं में। वे कहती हैं, चूंकि परीक्षाएं चल रही हैं। एेसे में मुझे उनके खानपान को लेकर चिंता रहती है। इसलिए लाइफ फूड बनाती हूं। हालांकि मेरी बिटिया काफी सिंसियर है। उसे हॉट और कोल्ड काफी पसंद है। जबकि मेरा बेटा अभी सातवीं में है और खूब नॉटी है। मुझे उसकी डाइट का काफी ख्याल रखना पड़ता है।

बाहरी फूड पर रोक
पुरानी बस्ती बनियापारा की सुमन दीवान कहती है मेरे दोनों बच्चों के बोर्ड एग्जाम चल रहे हैं। इसलिए उनकी डाइट को लेकर मैं काफी फिक्रमंंद रहती हूं। सिद्धार्थ १२वीं में है जबकि संस्कार १०वीं में। हमारे यहां मेनु पूरी तरह बदल गया है। सुबह चाय-काफी के बजाय जूस, रात में दूध और हल्का भोजन रुटीन में शामिल है। हालांकि कभी-कभी उनके मूड को चेंज करने के लिए नमकीन का फ्यूजन भी करना पड़ता है। बाहरी चीजों के खाने पर रोक लगा दी है। क्योंकि बाहर का तेल अच्छी क्वालिटी का नहीं रहता। इससे उनकी तबीयत पर कभी भी असर पड़ सकता है।

जूस से आती है एनर्जी
बूढ़ापारा की दीपा व्यास ने बताया, मेरा बेटा दिव्यांश 12वीं में है। इन दिनों खानपान को लेकर काफी अलर्ट रहना पड़ता है। मेरी तो यही कोशिश रहती है कि हेल्दी फूड के साथ एनर्जी जूस पिलाऊं। वैसे भी स्टूडेंट्स एग्जाम के टेंशन में खाना कम खाने लगते हैं। इसलिए मैं दिव्यांश को अनार का जूस पिलाती हूं। क्योंकि अनार को एक बेहतर ब्रेन टॉनिक माना जाता है। इससे याददाश्त बढ़ती है। मैंने कहीं पढ़ा था कि एक गिलास अनार का जूस काफी लाभदायक होता है।

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मसाले का कम यूज
रामसागर पारा की रहने वाली ज्योति राठौर ने कहा कि परीक्षा के टाइम हम रसोई में मसालेदार भोजन कम कर देते हैं। क्योंकि मसालों के उपयोग से भोजन गरिष्ठ होता है। हल्का खाना बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बढि़या होता है जो पचने में भी आसान होता है।

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इन बातों का रखें ध्यान

नम्रता मूले, कूकिंग एक्सपर्ट
एग्जाम टाइम में जंक और आइली फूड को इग्नोर करना चाहिए, क्योंकि इससे आलस्य आता है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। एेसे टाइम में अंकुरित दालों का चीला, पेन केक या इडली बेहतर फूड है। इसमें ग्रेटेड वेड (गाजर, पत्ता गोभी टमाटर) डालकर पौष्टिक बनाया जा सकता है। चटपटे आइटम्स बच्चों के मूड को फ्रेश बनाते हैं। पढ़ाई के दौरान हर आधे या एक घंटे में लिक्विड आइटम जैसे फ्रुट जूस, नमकीन मठा या नींबू पानी दे सकती हैं। इससे उनका बॉडी में वॉटर और एनर्जी लेवल बरकरार रहेगा। दो-चार घंटे में माउथ फ्रेशनर के रूप में चॉकलेट, केक मिंट चॉकलेट दे सकते हैं। उन्हें सलाद भी सर्व करें। इसे रुचिकर बनाने के लिए वेज की कटिंग कार्टुन करेक्टर के रूप में करें। पेड़ जैसा शेप देकर नींबू रस, काला नमक डालकर सर्व करें, जिससे वे एंजाय कर खा सकते हैं।

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