उसमें मिले नंबरों पर बात करने पर इस तरह की बात सामने आई है। जिन लोगों को उसने धमकी दी थी उनमें शिक्षक, बैंक कर्मचारी और सरकारी अधिकारी तक शामिल हैं। उसके शिकार लोगों में से हर एक ने धमकी देने वाले का नाम अलग-अलग बताया है। उसके ऐसे फोन कॉल से प्रताडि़त लोगों ने बताया, वह खुद को माओवादी नेता बताकर रुपया और गाड़ी मांगता था, वह कोई भी काम करा देने का दावा भी करता था। आनाकानी की स्थिति में अपहरण, हत्या और बम से उड़ा देने की धमकी देता था।
उन लोगों कॉलर के बहके व्यवहार की बावत भी बताया है, उसके आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि वह व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है। हालांकि, घटना की पुलिस में शिकायत के बाद जिस तरह उसने फोन बंद किया है, उससे पुलिस के दावे में दम नहीं लगता। कॉल डीटेल के आधार पर पुलिस को उसकी आखिरी लोकेशन आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में मिली है। एसआइबी की तीन सदस्यीय टीम उसकी तलाश में विजयवाड़ा पहुंच चुकी है।
कॉलर की शिनाख्त, लेकिन खुलासा नहीं
पुलिस अफसरों का कहना है कि मोबाइल के सिमकार्ड की मदद से फोन करने वाले शख्स की शिनाख्त हो गई है। लेकिन सुरक्षा कारणों से नाम का खुलासा नहीं किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि राज्य पुलिस के कहने पर आंध्रप्रदेश की स्थानीय पुलिस मोबाइल सिम में पंजीकृत पते पर गई थी। वहां ताला लगा मिला। उसके बाद उस व्यक्ति के कुछ रिश्तेदारों से भी पूछताछ हुई है।
डीआईजी नक्सल अभियान पी सुंदरराज ने कहा कि धमकी देने वाले का नक्सलियों और उसके संगठन से कोई रिश्ता नहीं है। जांच के दौरान उसके मानसिक रोगी होने की पुष्टि भी हुई है।