ऐसे हुई शुरुआत
लास्ट ईयर एग्जाम के बाद जब मैं फ्री हुई थी तो मुझे किसी ने इस ऐप के बारे में बताया। मैंने इसे लोड किया और वीडियो को बनाकर वाट्सऐप स्टेटस में डाला करती थी। घर वालों और दोस्तों ने जब देखा तो उन्होंने एप्रिशिएट किया और पब्लिकली पोस्ट करने की सलाह दी। पोस्ट करने के बाद पब्लिक से अच्छा रिस्पांस मिलने लगा। फ्रेंड सर्किल ने टिकटॉक मीटअप में इनवाइट किया। उसी दौरान एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें मेरे फॉलोअर करीब 50 हजार हो गए। यहीं से जर्नी शुरू हुई।फॉलोअर की संख्या के साथ मेहनत करने लगी
जैसे-जैसे फॉलोअर बढ़े मैं वीडियो में मेहनत करने लगी। बेहतर रिजल्ट के हिसाब से वीडियो बनाया करती थी। लोगों का सपोर्ट रहा और यह संख्या 5 लाख के पार हो गई। इसके लिए मैं लोगों को तो धन्यवाद कहूंगी ही इससे पहले मेरे पैरेंट्स को थैंक्स कहना चाहूंगी क्योंकि उन्होंने मुझे फ्रीडम दी। वे कहते थे कि जिसमें रुचि हो उसे करो।स्टार के साथ काम करना अच्छा एक्सपीरियंस
छालीवुड स्टार अनुज शर्मा और मन कुरैशी के साथ अलग-अलग एल्बम में काम करने का मौका मिला। मैं दोनों स्टार से उसी दिन मिली जब शूट करना था। चूंकि मैंने माइंड सेट कर लिया था कि शूट करना है तो हिचक वाली कोई बात नहीं थी। शूट से पहले मैंने कोई रिहर्सल भी नहीं की थी। एल्बम के सिंगर ऋषिराज पांडेय मुझे पहले से जानते थे। वे चाहते थे कि मैं उनके एल्बम में नजर आऊं। मन कुरैशी का भी पहला एल्बम था। दिलीप निर्मलकर ने मुझे फिल्म के लिए एप्रोच किया है लेकिन अगले महीने मेरे एग्जाम हैं। इसी तरह पंजाब और साउथ से भी एल्बम के लिए ऑफर आया है। चूंकि अभी मेरे लिए स्टडी इम्पोर्टेंट है, इसलिए सबको मैंने परीक्षा के बाद का वक्त दिया है।एक ही दिन में बना लेती हूं 15 वीडियो
मैं रोज वीडियो नहीं बनाती। जिस दिन छुट्टी रहती है उसी दिन 10 से 15 वीडियो बना लेती हूं और उसे हफ्तेभर तक एक-दो करके शेयर करती हूं। किसी खास लोकेशन की जरूरत भी नहीं होती।पब्लिक प्लेस में घेर लेते हैं फैंस
अभी दिक्कत ये है कि मुझे हर जगह स्कॉर्फ लगाकर जाना होता है। यहां तक की गुपचुप खाना हो तो भी सोचना पड़ता है। चूंकि टिकटॉक फैंस पहचान लेते हैं। वे सेल्फी लेना चाहते हैं। मैं मना भी नहीं कर सकती।छत्तीसगढ़ी हमारी विरासत, इसे बढ़ाना हमारा फर्ज
मैं छत्तीसगढ़ी वीडियो बनाती हूं। मैं किसी का वीडियो कॉपी नहीं करती। चूंकि मैं छत्तीसगढ़ से हूं तो मेरा फर्ज है कि अपनी भाषा को प्रमोट करूं। हमारी विरासत को हम नहीं बढ़ाएंगे तो कौन बढ़ाएगा। मैं पैसे कमाने के मकसद से तो टिकटॉक नहीं बनाती थी, लेकिन जब लोगों का सपोर्ट मिलने लगा तो प्रोफेशनल तौर पर वीडियो बनाने लगी।