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रायपुर

कोरोना इफ़ेक्ट: चलेंगे या थम जायेंगे बसों के पहिये, आज होगा अंतिम फैसला

शासन ने अनलॉक में बस संचालन का आदेश जारी किया था, लेकिन बस संचालक अपनी मांगों को लेकर बस का संचालन नहीं किया। इस पर अधिकारियों ने बस संचालकों की बैठक बुलाई, जिसमें संचालकों ने कुछ बसों को चलाने पर सहमति जताई।

रायपुरAug 09, 2020 / 11:08 pm

Karunakant Chaubey

कोरोना इफ़ेक्ट: चलेंगे या थम जायेंगे बसों के पहिये, आज होगा अंतिम फैसला

कोरोना इफ़ेक्ट: चलेंगे या थम जायेंगे बसों के पहिये, आज होगा अंतिम फैसला

रायपुर. शासन के आदेश के बाद भी अभी तक बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाया। प्रदेशभर के बस ऑपरेटर अपनी मांगो को लेकर अड़े हैं। बस ऑपरेटर सोमवार को परिवहन मंत्री मो. अकबर से मुलाकात करेंगे। उसके बाद निर्णय होगा कि प्रदेश में बसों का संचालन शुरू होगा या फिर बसें खड़ी रहेगी।

06 अगस्त से प्रदेश भर में लॉकडाउन खोल दिया गया है, लेकिन पंडरी बस स्टैंड से किसी भी मार्ग पर कोई बस रवाना नहीं हुई। परिवहन विभाग के अधिकारी का कहना है कि बसों के संचालन के संबंध में शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते 21 मार्च से प्रदेश में बसों का संचालन बंद कर दिया गया था।

शासन ने अनलॉक में बस संचालन का आदेश जारी किया था, लेकिन बस संचालक अपनी मांगों को लेकर बस का संचालन नहीं किया। इस पर अधिकारियों ने बस संचालकों की बैठक बुलाई, जिसमें संचालकों ने कुछ बसों को चलाने पर सहमति जताई।

प्रदेश भर से जुटेंगे बस संचालक

कुछ मार्गों पर गिनी चुनी बसें चल रहीं थीं, उन्हें नाम मात्र की सवारी मिल रही थी। इसके बाद 22 जुलाई से शासन ने फिर लॉकडाउन घोषित कर दिया, तब से फिर बसों का संचालन बंद हो गया। बस संचालक अपनी आठ सूत्रीय मांगो को लेकर सोमवार की दोपहर डेढ़ बजे पंडरी बस स्टैंड पर प्रदेशभर के बस ऑपरेटर इक_ा होंगे उसके बाद दोपहर दो बजे सभी परिवहन मंत्री से मुलाकात करेंगे उसके बाद तय होगा कि प्रदेशभर में बसों का संचालन होगा या फिर बस ऑपरेटरों की जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक बस का संचालन बंद रहेगा।

बस संचालकों की मांग

– फार्म के एवं फार्म एम की साल में दो माह की बाध्यता समाप्त की जाए । अन्य राज्यों में इसकी फीस 10 से 20 रुपये है, जबकि छत्तीसगढ़ में 500 एवं एक हजार रुपये प्रतिमाह है।
– टोल टैक्स में छूट दी जाए।

– सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक टैक्स में छूट दी जाए।
– डीजल के वैट टैक्स में 50 प्रतिशत तक कटौती की जाए।

– डीजल की बढ़ती कीमत के साथ यात्री किराया में वृद्धि की स्थाई नीति बनाई जाए।
– एक प्राधिकार बनने से पहले जो काम आरटीओ द्वारा किया जाता था उसे दोबारा लागू किया जाए।

– व्हीलबेस के आधार पर बैठक क्षमता को निर्धारित करना समाप्त किया जाए। भौतिक परीक्षण के आधार पर वाहन को पंजीकृत किया जाए, क्योंकि व्हीलबेस के आधार पर निर्धारित सीटें वाहन में लगाना मुमकिन नहीं है।
– स्लीपर कोच पर लगने वाले डबल टैक्स को समाप्त किया जाए।

परिवहन मंत्री और बस ऑपरेटरों की बैठक सोमवार को है। बैठक में हम अपनी मांगो को उनके समक्ष रखकर पूरा करने का आग्रह करेंगे। उसके बाद निर्णय होगा कि बस का संचालन होगा या नहीं।

सैय्यद अनवर अली, उपाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ

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