दरअसल, मंगलवार को एक निजी चैनल में राजीव गांधी किसान न्याय योजना सहित अन्य मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष कौशिक और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव आमने-सामने थे। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अंतर की राशि एक साथ ना दिए जाने को लेकर फिर से सवाल उठाया। उन्होंने कुछ तर्कों के साथ कहा, सरकार किसानों को अंतर की राशि की दूसरी किश्त नहीं दे पाएगी। इसके बाद मंत्री सिंहदेव ने इस्तीफा की बात कहते हुए विपक्ष को चुनौती दी। मंत्री सिंहदेव ने पत्रिका से चर्चा करते हुए कहा, इस मामले में लगातार विपक्ष भ्रम फैलाने में लगा है। जबकि राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस पर फैसला हुआ है। बजट में भी राशि का प्रावधान किया गया है। यदि इसके मुताबिक काम नहीं हुआ तो इस्तीफा देने की बात कहीं है, लेकिन वादा पूरा होता है, तो भ्रम की राजनीति करने वाले विपक्ष के नेता क्या करेंगे। क्या वो अपने पद से इस्तीफा देंगे।
रमन बोले- इस्तीफे की पेशकश सरकार की चलाचली बेला का अलार्म
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफे की चुनौती को सरकार की चलाचली की बेला का अलार्म बताया है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की दगाबाजी, वादाखिलाफी और सियासी नौटंकियों का तो एक-न-एक दिन यही हश्र होना था। भाजपा लगातार जिन मुद्दों पर प्रदेश सरकार की आलोचना कर रही है, सिंहदेव के इस्तीफे की पेशकश से उस पर मुहर लग रही है।
डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों के धान समर्थन मूल्य की शेष अंतर राशि के अब अगली फसल से पहले पूरे भुगतान की बात को लेकर प्रदेश सरकार में दूसरे क्रमांक की हैसियत रखने वाले मंत्री सिंहदेव की यह पेशकश प्रदेश सरकार के राजनीतिक चरित्र के ताब़ूत की पहली और आखिरी कील साबित होगी। प्रदेश सरकार ने न किसानों के साथ न्याय किया, न शराबबंदी का वादा निभाया और न ही प्रदेश के शिक्षित बेरोजग़ारों के लिए रोजग़ार के कोई अवसर बाकी रखे। डॉ. सिंह ने कहा कि बेरोजग़ार युवकों को प्रदेश की भूपेश सरकार ने इस क़दर हताशा के गर्त में धकेल दिया है कि वे अब आत्मदाह तक करने जैसा कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा, मंत्री सिंहदेव ने किसानों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाकर प्रदेश सरकार को सबक सिखाने का जो संकल्प व्यक्त किया है, भाजपा उसका स्वागत करती है।