बजट सत्र का चौथा दिन हंगामे के साथ शुरू हुआ। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने सदन में कहा कि पकौड़े बेचनेवाले को हंसी का पात्र न बनाया जाए, क्योकि अब इंजीनियर भी 28 हजार की नौकरी छोड़कर पकौड़े बेचते हैं। बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की शुरुआत करते हुए शिवरतन शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के लोग जगह-जगह पकौड़े का ठेला लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब कांग्रेस 2018 के चुनाव में करारी हार के बाद केवल पकौड़े बेचने के लायक रह जाएगी। इसके बाद विपक्ष के विधायकों और शिवरतन शर्मा के बीच तीखी नोकझोक हुई। विपक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी इसे रोजगार बता रहे हैं और आप पकौड़े की आलोचना कर रहे हैं।
बाद में विधायक शिवतरन शर्मा ने कहा कि पकौड़े बेचना रोजगार है। उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में एक गुपचुपवाले का बेटा इंजीनियर बना। उसकी 28 हजार रुपए प्रति महीने की नौकरी मिली। उसने कुछ दिन बाद रोजगार छोड़ दिया अब वह अपने पिता के ठेले के सामने अपना ठेला लगाता है और वहां पकौड़े बेचता है। विपक्ष के विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि प्रदेश में इसी तरह बेरोजगारों की संख्या 23 लाख पंहुच गई है और सरकार पकौड़े का ठेला लगाने की सलाह दे रही है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने नरेन्द्र मोदी कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर एक आदमी पकौड़े बेचता है और शाम को 200 रुपए लेकर घर जाता है तो क्या उसे रोजगार माना जाएगा या नहीं? प्रधानमंत्री के इस बयान की सोशल मीडिया के साथ राजनीतिक दलों ने तीखी आलोचना की थी। वहीं प्रधानमंत्री के पकौड़ा रोजगार वाले बयान को लेकर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में जगह-जगह विरोध कर रही है। कांग्रेस जगह-जगह पकौड़े का ठेला लगाकर विरोध जता रही है।