जिले में बीमा के लिए जारी है फसल कटाई का प्रयोग
बलौदाबाजार. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमित किसानों का दावा भुगतान के लिए फसल कटाई का काम एक नवम्बर से शुरू हो गया है।
जिले में बीमा के लिए जारी है फसल कटाई का प्रयोग
बलौदाबाजार. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत बीमित किसानों का दावा भुगतान के लिए फसल कटाई का काम एक नवम्बर से शुरू हो गया है। अब तक 858 नमूनों की कटाई हो चुकी है।
फसल कटाई प्रयोग के लिए एक नवम्बर से लेकर 10 दिसम्बर तक का समय निर्धारित किया गया है। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने बताया कि जिले में 963 गांव बीमा योजना के लिए अधिसूचित की गई है। धान सिंचित एवं असिंचित दोनों प्रकार की फसलें अधिसूचना में शामिल हैं। इन 963 गांवों में फसल कटाई के 6 हजार 176 प्रयोग किए जाने हैं। इनमें से आधा प्रयोग राजस्व विभाग द्वारा व आधा प्रयोग कृषि विभाग के कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। प्रत्येक अधिसूचित फसल के लिए हर गांव में 4.4 प्रयोग किए जा रहे हैं। इनमें से 2 राजस्व विभाग के पटवारियों द्वारा व दो कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा होना है। राजस्व व कृषि विभाग मिलाकर लगभग 4 सौ पटवारी व आरएईओ इस काम में लगे हुए हैं। इनके ऊपर निगरानी के लिए 61 पर्ववेक्षकों की ड्यूटी भी लगाई गई है। ये पर्यवेक्षक राजस्व व कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी हैं।
कलेक्टर ने कहा कि बीमा योजना में फसल कटाई का प्रयोग व इसका परिणाम महत्वपूर्ण है। यह काम संपूर्ण पारदर्शिता के साथ होने चाहिए। उन्होंने कहा कि फसल कटाई के लिए खेतों का चयन आयुक्त भू अभिलेख द्वारा रेण्डम तरीके से चयनित खसरा नम्बर के खेत को किया गया है। इसकी जानकारी संबंधित किसानों को पहले से दे दी गई है। कटाई प्रयोग में जाने से पहले इसकी मुनादी कराई जाती है। कटाई के दौरान बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि, संबंधित किसान और ग्रामीण उपस्थित रह सकते हैं वे स्वयं पूरी प्रक्रिया का अवलोकन करेंगे। उन्होंने जिले के किसानों को इसे गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।
कृषि विभाग के सहायक संचालक संतराम पैकरा ने बताया कि पांच मीटर गुणा पांच मीटर आकार के रकबे का चयन कर फसल कटाई प्रयोग किया जाता है। इससे प्राप्त आंकड़ों से औसत उपज निकालकर उस गांव का वास्तविक फसल उपज निर्धारित किया जाता है। इसके साथ ही मोबाइल के माध्यम से सीसीई एप्प का भी उपयोग किया जा रहा है जिसमें संपूर्ण जानकारी जैसे कटाई किए जा रहे स्थल का अक्षांश, देशांश कटाई के पहले का फोटो और कटाई के दौरान का फोटो, वजन लेते समय का फोटो और उत्पादन पत्रका का फोटो अपलोड किया जाता है। इसे नेशनल पोर्टल फार क्राप इंश्यूरेंश में भी प्रेषित किया जा रहा है।