2. घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखें, उसे पैर नहीं लगाएं, न ही उसके ऊपर से गुजरना चाहिए। ऐसा करने से घर में बरकत की कमी हो जाती है। झाड़ू हमेशा छुपा कर रखना चाहिए।
3. बिस्तर पर बैठ कर कभी खाना न खाएं, ऐसा करने से बुरे सपने आते हैं, साथ ही दाम्पत्य जीवन में भी इसका प्रभाव पड़ता है। 4. घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखरा कर या उल्टे सीधे करके नहीं रखने चाहिए, इससे घर में अशांति उत्पन्न होती है।
5. पूजा सुबह 6 से 8 बजे के बीच भूमि पर आसन बिछा कर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके करनी चाहिए । पूजा का आसन जूट अथवा कुशा का हो तो उत्तम होता है।
6. भोजन बनाने के बाद पहली रोटी गाय के लिए अलग से निकाल लें, इससे देवता प्रसन्न होते हैं और पितरों को भी शांति मिलती है। 7. पूजा घर में सदैव जल का एक कलश भरकर रखना चाहिए, संभव हो सके तो जल कलश ईशान कोण के हिस्से में रखें।
8. आरती, दीप, पूजा अग्नि जैसे पवित्रता के प्रतीक साधनों को मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाना चाहिए। ऐसे में सकारात्मक ऊर्जा नकारात्मक में परिवर्तित हो जाती है। 9. मंदिर में धूप, अगरबत्ती व हवन कुंड की सामग्री दक्षिण पूर्व में रखें अर्थात आग्नेय कोण में। इससे पूजन घर में दोष आदि का प्रवेश नहीं होता।
10. घर में कभी भी जाले न लगने दें, वरना भाग्य और कर्म पर जाले लगने लगते हैं और बाधा आती है। जैसे ही जाले दिखाई दें उन्हें हटा दें। 11. घर के मुख्य द्वार पर हमेशा दायीं ओर स्वास्तिक चिह्न बनाना चाहिए। ये घर में नकारात्मकता को प्रवेश नहीं करने देता है।
12. सप्ताह में एक बार जरुर समुद्री नमक अथवा सेंधा नमक से घर में पोछा लगाना चाहिए। ये कीटाणुओं को मारने में तो सहायक होता है, साथ में घर की नकारात्मक ऊर्जा का क्षरण भी करता है।
13. घर बनाते समय कोशिश करें कि सुबह के प्रकाश की पहली किरण आपके पूजा घर में जरूर पहुंचे। ये किरणें पूरे घर को पवित्र करने व परिवार को स्वस्थ रखने में सहायक होती हैं।
14. पूजा घर में यदि कोई मंदिर है तो वहां प्रतिष्ठित देव प्रतिमा की नियमित पूजा होनी चाहिए। ताकि उससे देव प्रसन्न रहें और उनकी कृपा हमेशा बनी रहे।