ऐसे में आवेदन करने वाले आवेदक फील्ड में तैनात कर्मचारियों पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। साथ ही अपने परिचितों को इस बारे में बताकर फार्म भरने से मना करने लगे हैं। इसलिए फील्ड में तैनात कर्मचारियों को योजना के तहत स्वनिधि का फार्म भरवाने में भारी दिक्कतें आ रही है। कई लोगों का टारगेट पूरा नहीं हो रहा है।
रायपुर में कोरोना खतरे के बीच फील्ड वर्करों को जाना पड़ता है। लेकिन, इन सबसे अधिकारियों को कोई मतलब नहीं है, उन्हें सिर्फ टारगेट पूरा करने से मतलब है। भले ही आवेदकों को जरूरत के समय मात्र 10 हजार लोन मिले न मिले। राशि कम होने के कारण भी लोगों ने इस योजना का लाभ उठाने में कतराने लगे हैं।
टारगेट पूरा करने दी जा रही गलत जानकारी कुछ फील्ड वर्कर अधिकारियों द्वारा दबाव बनाने पर टारगेट पूरा करने के लिए लोगों को गलत जानकारी देकर फार्म भरवा रहे हैं। लोगों को बताया जा रहा है कि जो लोन पीएम स्वनिधि के तहत मिलेगा उसे लौटाने की जरूरत नहीं है। ऐसे में लोग झांसे में आकर फार्म भरने लगे हैं। लेकिन अब तक लोन नहीं मिला है।
रायपुर नगर निगम में केस जानकारी के अनसार पीएम स्वनिधि के लिए नगर निगम रायपुर के सभी वार्डों से कुल 41 बैंकों के लिए अब तक 4350 आवदेन आए हैं, जिसमें से सिर्फ 1005 केस को ही स्वीकृति प्रदान की गई है। वहीं, 2917 केस अभी तक लंबित पड़े हुए है। जबकि लोगों को आवेदन किए एक से दो माह हो गए हैं। बताया जाता है। जरूरत के समय 10 हजार रुपए लोन भी नहीं मिलने से लोग अब लेने से मना भी करने लगे हैं। इसके अलावा 10 हजार रुपए लोन लेने के लिए च्वाइस सेंटर, तो कभी बैंक और निगम के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
नगर निगम के अपर आयुक्त लोकेश्वर साहू ने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहले लोग लोन लेने के लिए कम तैयार हो रहे थे। अब धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ती जा रही है। इस योजना के तहत 10 हजार रुपए का लोन मिलने के बाद उसे सालभर में किश्तों में चुकाने का प्रावधान है। बैंकों की लापरवाही के चलते लोगों को लोन समय पर नहीं मिल पा रहा है। बैंकों को शीघ्र लोन जारी करने के लिए पत्र लिखा गया है।