डायरेक्टर शिव अनंत तायल के अनुसार के अनुसार सार्वजनिक जल वितरण की वर्तमान व्यवस्था में यह जांच की जा रही है कि प्राथमिक, द्वितीय, प्रवाह तंत्र के उपरांत घरों तक पहुंचने में जल की कितनी क्षति हो रही है। इसका आकलन कर कार्य एजेंसी 4 माह में रिपोर्ट देगी। अपनी रिपोर्ट में एजेंसी को बताना होगा कि आगामी 4 वर्षों के भीतर इस जल क्षति को किन उपायों के तहत न्यूनतम स्तर पर पहुंचाया जा सकता है। यह एजेंसी नवंबर माह से काम करना शुरू करेगी और सैंपल लेकर 4 माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम व रायपुर स्मार्ट सिटी जल संरक्षण के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगे।