स्वास्थ्य मंत्री ने पत्र में लिखा है कि अगर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) रेपीड टेस्ट की अनुमति दे और इसकी गाइड-लाइन दे तो राज्य इस टेस्ट को करने तैयार है। जानकारी के मुताबिक कम्युनिटी बेस्ड जांच पर आइसीएमआर इनकार कर रहा है। और अभी आईसीएमआर कोरोना वायरस को कम्प्यूनिटी स्प्रेड यानी वायरस को थर्ड फेज नहीं मान रहा है। गौरतलब है कि दक्षिण कोरिया और सिंगापुर ने वायरस के फैलाव को रेपीड किट से ही रोका, क्योंकि जल्दी जल्दी जांच हुई और पॉजिटिव लोगों की पहचान हुई और उनका इलाज किया गया।
30 मिनट में आ जाएगी रिपोर्ट
डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. आरके पंडा का कहना है कि रेपीड किट व्यक्ति के शरीर में मौजूद संक्रमण का पता लगाने में सक्षम है। इसके लिए एंटीबॉडी ‘आइजीएमÓ पॉजिटिव आएगा। वहीं कोरोना से मुक्त हो चुके मरीज में वर्षों बाद भी पता चल सकेगा कि वह पहले इससे संक्रमित रह चुका है। अभी जब जांच में छह घंटे का वक्त लग रहा है, रेपीड किट से ३० मिनट में रिपोर्ट मिल जाएगी।