आदिवासियों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल गांधी की सोच क्या है, उसके लिए हमें थोड़ा इंतजार करना पडेगा, पर उनके एक वरिष्ठ सहयोगी इस यात्रा के दौरान उन्हें कुछ याद दिलाना चाहते हैं। रामचंद्र सिंहदेव छत्तीसगढ़ के पहले कांग्रेसी वित्त मंत्री थे, पर वे आज राहुल से मिलने नहीं गए। वे याद दिलाना चाहते हैं कि आज से 35 साल पहले इंदिरा गांधी ने उनसे यह वादा किया था कि कांग्रेस आदिवासी इलाकों का अलग तरह से विकास करेगी और वहां अगले सौ साल तक कोई माइनिंग और बड़े उद्योगों को अनुमति नहीं दी जाएगी।
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रायपुर के मकान में बैठे रामचंद्र सिंहदेव कहते हैं – बैलाडीला जैसे विकास ने आदिवासियों को विकसित नहीं किया। बस्तर में लोग कम हैं, पानी और जंगल खूब है, वहां वनोपज और खेती से जुड़े लघु उद्योग से आदिवासी की आय बढ़ाई जा सकती है। इंदिरा गांधी के कहने पर 1984 में मैंने जब अलग बस्तर डेवलपमेंट प्लान तैयार किया, वह 500 करोड़ का था। हमारा यह दुर्भाग्य है कि जब तक प्लान तैयार हुआ, उसके दो माह पहले ही इंदिरा गांधी की ह्त्या हो गयी थी और अर्जुन सिंह सिख आतंकवाद से लडऩे पंजाब भेज दिए गए थे।
35 साल में बहुत कुछ बदला है, पर रामचंद्र सिंहदेव कहना चाहते हैं कि मूल बात अब भी नहीं बदली है। लोहा कहीं भागकर नहीं जाएगा। आदिवासी की अगली शिक्षित पीढ़ी उसका बेहतर दोहन कर सकती है। अभी हमें वन आधारित कुटीर उद्योग से उनकी आय बढ़ाने और उनकी शिक्षा की ओर विशेष
ध्यान देना चाहिए। आदिवासी कांग्रेस को वोट देते आये हैं, अधिकतर आदिवासी सीटों पर राज्य में अब भी कांग्रेस का कब्जा है, पर अगली बार कहीं वह खसक न जाए। क्या कांग्रेस अध्यक्ष सुन रहे हैं?