पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी सुपर्णसेन गुप्ता ने बताया, कि कुहड़ कमेटी की रिपोर्ट में कई सुझाव दिए गए हैं। जिसमें अवकाश को खत्म करने, शैक्षणिक कार्य छह दिन करने कहा गया है। इसके अलावा भी कई चीजें हैं। जैसे परीक्षा अवधि को दो घंटे करने, 25 फीसदी ऑनलाइन कोर्स, परीक्षा न होने की स्थिति में 50 प्रतिशत अंक इंटरनल असेसमेंट, स्काइप या अन्य मीटिंग एप के माध्यम से व्यावहारिक परीक्षा और मौखिक परीक्षा का आयोजन, वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पीएचडी, एमफिल के लिए मौखिक परीक्षाओं का संचालन, प्रत्येक विश्वविद्यालय परीक्षा, अकादमिक गतिविधियों से संबंधित शिकायतों के लिए प्रकोष्ठ स्थापित करने और ऑनलाइन एजुकेशन के लिए स्वयं प्रभा, गूगल क्लासरूम,गूगल हैंगआउट, यू ट्यूब चैनल अपनाने तथा दाखिले की प्रक्रिया 31 अगस्त पूरी करने कहा है। कमेटी के सुझाव को सभी विश्वविद्यालय अपनी परिस्थिति व सुविधानुसार अमल कर सकते हैं।
कमेटी ने देशभर के करीब दो सौ कुलपतियों, प्राचार्य, कुलसचिव से फीडलिया। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों ने शिरकत की थी। वीडियो कांफ्रेंस, ईमेल, वाट्सऐप, जूम एप, गूगल मीट सहित अन्य आधुनिक विकल्पों को अपनाने सुझाव दिया गया है। कोरोना संकटकाल से उबरकर उच्च शिक्षा को नया आयाम देने की रणनीति है।
यूजीसी ने देशभर के कॉलेज, विवि सहित अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों को कोविड-19 में बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए इस कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट यूजीसी को सौंपी जिसमें कोरोना संकट के बीच उच्च शिक्षण संस्थाओं को आगे बढऩे महत्वपूर्ण सुझाव दिया। आयोग ने रिपोर्ट के आधार पर सभी विवि को सुझाव पर योजनाएं बनाने कहा है।
संजय नैय्यर, मीडिया प्रभारी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय