क्या है इलाज
डॉ. खरे की मानें तो इस बीमारी का इलाज यही है कि नियमित जांच करवाते रहें और दवा लेते रहें। किसी फल और भोजन से इसका कोई वास्ता नहीं है। छह से आठ हफ्ते में जांच करानी चाहिए। हाइपोथायरिडिज्म फीमेल में ज्यादा होता है। इसके डिस्ऑर्डर महिलाओं में अधिक होते हैं। जबकि हाइपरथायरिडिज्म कम होता है। रोजाना पहुंच रहे . 20 से ज्यादा प्रभावित : डॉ. खरे के मुताबिक आंंबेडकर अस्पताल में रोजाना २० से ज्यादा मरीज इस बीमारी के पहुंच रहे हैं। कुछ फालोअप, जबकि बाकी नए होते हैं।