पूजा-अर्चना कर मंदिर परिसर में ही भगवान जगन्नाथ को कराया भ्रमण
भाटापारा के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा नहीं निकाली जा सकती। केवल मूर्ति को हाथ में रखकर कुछ दूर ले जाकर वापस मंदिर में स्थापित कर दिया गया है।
पूजा-अर्चना कर मंदिर परिसर में ही भगवान जगन्नाथ को कराया भ्रमण
भाटापारा. भाटापारा के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जब भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा नहीं निकाली जा सकती। केवल मूर्ति को हाथ में रखकर कुछ दूर ले जाकर वापस मंदिर में स्थापित कर दिया गया है। भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा रामसत्ता चौक स्थित लटूरिया मंदिर से निकाली जाती रही है, किंतु इस वर्ष करोना वायरस के चलते सरकार की ओर से रथ यात्रा निकालने पर पाबंदी लगी हुई होने के कारण रथयात्रा नहीं निकाली जा सकी है, किंतु भगवान को मंदिर परिसर के अंदर ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए और मुंह में मास्क लगाकर भ्रमण कराया गया। इसके पश्चात उन्हें उनके स्थान पर विराजित किया गया। इसके बाद पूजा-अर्चना का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
अनेक श्रद्धांलुओं ने मंदिर में जाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए। लटूरिया मंदिर के पुजारी जगदीश वैष्णव ने बताया कि रथ यात्रा निकालने की परंपरा भाटापारा में लगभग 110 वर्ष पुरानी है।
हमेशा ही रथयात्रा के दिन लटूरिया मंदिर से भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा निकाली जाती रही है, जो पूरे नगर का भ्रमण करने के पश्चात वापस मंदिर परिसर में आकर संपन्न होती रही है। मंदिर परिसर की ओर से रथ यात्रा निकालने की अनुमति के लिए प्रशासन से संपर्क किया गया था, किंतु धारा 144 एवं कोरोना वायरस संक्रमण का हवाला देते हुए प्रशासन ने भी रथ यात्रा निकालने की अनुमति प्रदान नहीं की। इसकी वजह से मंदिर परिसर के अंदर ही पूरा कार्यक्रम संपन्न कराया गया। मंदिर में पहुंचेेे भक्त गणों ने मुंह में मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रभुु जगन्नाथ जी के दर्शन किए और पूजा अर्चना की।