यूथ गेम्स के तीसरे संस्करण में भी महाराष्ट्र पदक तालिका में पहला स्थान हासिल करने में सफल रहा। महाराष्ट्र ने गुवाहाटी में सर्वाधिक कुल 255 पदक जीते हैं, जिसमें 78 स्वर्ण, 76 रजत और 101 कांस्य पदक शामिल हैं। वहीं, हरियाणा 197 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। हरियाणा ने 66 स्वर्ण, 60 रजत और 71 कांस्य पदक जीते हैं। दिल्ली के खिलाडिय़ों ने 122 पदक जीते हैं, जिसमें 39 स्वर्ण, 36 रजत और 47 कांस्य पदक शामिल हैं।
कुल चार खेलों में ही जीत सके पदक
यूथ गेम्स 2020 में छत्तीसगढ़ केवल चार खेलों में ही पदक जीत सका, जिसमें 5 पदक व्यक्तिगत खेल तैराकी, वेटलिफ्टिंग और जूडो में आए हैं। वहीं, दो कांस्य पदक बालिका कबड्डी टीमों ने जीते हैं। जबकि, वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ ने पांच खेलों में पदक जीते थे, जिसमेंं 8 पदक व्यक्तिगत खेलों बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग, तैराकी और बॉक्ंिसग में जीते थे।
छत्तीसगढ़ टीम की चीफ द मिशन (सीडीएम) व रायपुर साई सेंटर की इंचार्ज गीता पंत को खराब प्रदर्शन के संबंध में कहना है कि छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों को बिना अभ्यास के यूथ गेम्स में भेज दिया गया, जिसके कारण अधिकतर खिलाडिय़ों को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे अन्य राज्य ने अपने यहां एक महीने पहले से यूथ गेम्स की तैयारी शूरू कर दी थी और कई चरणों में प्रशिक्षण कैंप आयोजित कर अपनी टीमें भेजी थी। जबकि, छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों का एक दिन का भी कैंप न तो खेल विभाग ने लगाया और न ही शिक्षा विभाग ने इस ओर ध्यान दिया। जिम्मेदार अधिकारियों के पास राष्ट्रीय यूथ गेम्स जैसे बड़े आयोजन के लिए खिलाड़ी तैयार करने को लेकर कोई योजना ही नहीं थी। खेल विभाग केवल कबड्डी का कैंप चार-पांच दिन का लगाया था, वह भी मिट्टी के मैदान में। जबकि, यूथ गेम्स में कबड्डी टीमों को मैट में खेलना पड़ा, जिसके कारण अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर सकीं। उनका कहना है कि इतने बड़े आयोजन के पहले खिलाडिय़ों का अभ्यास कैंप अनिवार्य रूप से लगाना था।