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रायसेन

ग्रहण के बाद लोगों ने स्नान कर पूजन आरती की, दान दिया

सूतक लगते ही रात में शहर सहित जिले के विभिन्न मंदिरों के पट बंद कर दिए गए

रायसेनDec 26, 2019 / 11:28 pm

chandan singh rajput

After the eclipse, people took bath and performed poojan aarti,

Raisen. The last solar eclipse of 2019 took place on Thursday, 26 December. Sutak commencement started 12 hours ago ie on Wednesday at 8.11 pm. At night, the doors of various temples of the district including the city were closed at night. The doors of the temples opened on the second day Thursday after the solar eclipse ended.

रायसेन. गुरुवार २६ दिसंबर को साल २०१९ का अंतिम सूर्यग्रहण हुआ। 12 घंटे पहले यानी बुधवार को रात 8.११ बजे से सूतक प्रारंभ शुरू हो गया था। सूतक लगते ही रात में शहर सहित जिले के विभिन्न मंदिरों के पट बंद कर दिए गए। मंदिरों के पट दूसरे दिन गुरुवार को सूर्यग्रहण खत्म होने के बाद खुले। मंदिर के पुजारियों ने देवी-देवताओं की पूजन आरती कर व्यंजनों का भोग लगाया। वहीं मंदिरों में श्रद्धालुओं ने दर्शन कर मत्था टेक कर परिवार की खुशहाली व घर दुकानों में सुख समृद्धि की कामना की। वहीं गरीबों को दान दक्षिण देकर पुण्य लाभ अर्जित किया।
धर्मशास्त्री पंडित ओमप्रकाश शुक्ला सौजना, पं.कृष्ण मोहन, राम मोहन चतुर्वेदी के अनुसार ग्रहण का स्पर्श गुरुवार को सुबह 8.09 बजे से प्रारंभ हुआ, जो सुबह 10.43 बजे तक रहा। इस तरह ग्रहण काल का समय 2 घंटे 49 मिनट रहा। पंडितों ने बताया कि सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पूर्व से माना जाता है।
25 दिसंबर की रात 8.11 बजे से ही सूतक काल शुरू हुआ, जो ग्रहण के मोक्ष 26 दिसंबर सुबह 11.02 बजे समाप्त हुआ। वहीं ग्रहण का मोक्ष सुबह 11 बजकर 2 मिनट पर हुआ। उन्होंने बताया कि बच्चे, बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं ग्रहण काल से 2 घंटे पहले तक भोजन पानी ग्रहण किया।
वहीं धनु संक्रांति में सूर्य ग्रहण होने से कुंभ, सिंह, मेष व कर्क, धनु राशि के लिए शुभ फ लदायी रहा। धनु राशि के जातकों के लिए यह व्यय कारक रहा।
राशियों पर असर
वृषभ राशि के अष्टम भाव में सूर्य, शनि, बृहस्पति होने, पंचग्रही युति के कारण परेशानी भरा रहा। मकर राशि के 12वें भाव में होने से व्यय कारक रहा। कन्या राशि के चतुर्थ भाव में होने से मध्यम फ लदायी रहा।

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