इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आंदोलन कर रहे लोगों को 27 जुलाई 2017 को भोपाल सीएम हाउस बुलाया गया था। संघर्ष शर्मा के नेतृत्व में पांच लोग सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचे। जहां पर उन्होंने वर्ष 2017 में ही कॉलेज को स्वीकृत कर एक वर्ष के अंदर खुलवाने के लिए कहा था।
अब अधर में लटका सीएम का वादा :मगर तीन साल बीत जाने के बाद भी नगर के छात्र-छात्राओं को कॉलेज की पढ़ाई करने की सुविधा नहीं मिल पाई, जबकि अभी तक सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं कॉलेज के अभाव में अपनी पढ़ाई छोड़ कर अपने घर बैठे गए हैं। जो काबिल हैं और अपनी आगे की पढ़ाई तो करना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक तंगी या असुरक्षा के कारण बाहर पढ़ाई के लिए नहीं जा सके।
संघर्ष शर्मा, डालचंद रैकवार आदि के नेतृत्व में क्षेत्रवासी और सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं आंदोलन कर रहे थे। उस दौरान आंदोलन को दबाने के लिए उनमें से करीब 20 लोगों पर पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज किया था।
कई परिजन छात्राओं को पढऩे के लिए बाहर नहीं भेजते
क्षेत्र में दो हायर सेकंडरी एक सुल्तानगंज और दूसरा सुनवाहा में है। दोनों स्कूलों से कक्षा बारहवीं से प्रतिवर्ष 350 से 400 छात्र-छात्राएं आगे की पढ़ाई के लिए बेगमगंज सागर या फि र भोपाल जाते हैं। सूत्रों की मानें तो इसमें से प्रतिवर्ष 100 से 200 छात्र-छात्राएं पढ़ाई छोड़ कर घर बैठ जाते हैं।
-हेमराज सिंह यादव, सुल्तानगंज।
– क्षेत्रवासी दस वर्षों से सरकार से डिग्री कॉलेज की मांग कर रहे हैं। वर्ष 2017 में अनेक बार छात्र-छात्राओं एवं क्षेत्रवासियों द्वारा डिग्री कॉलेज की मांग को लेकर आंदोलन किया, लेकिन तब सीएम ने कॉलेज शुरु करने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब इस बात को सीएम भूल गए।
-डालचंद रैकवार, सुल्तानगंज।
– सीएम के आश्वासन के बाद हम लोगों ने आंदोलन बंद किया था, लेकिन सीएम की घोषणा हवा-हवाई रही। रायसेन जिले के आखिरी छोर पर बसा सुल्तानगंज क्षेत्र शिक्षा के मामले में काफ ी पिछड़ा है। यहां पर डिग्री कॉलेज की मांग के लिए अब उग्र आंदोलन फि र से शुरू किया जाएगा
-संघर्ष शर्मा, एडवोकेट।