जिले के कैलकच्छ देवरी, केतोघान, पतई, मांगरोल, अलीगंज, बगलवाड़ा बरेली, नर्मदा नदी घाटों बौरास, उदयपुरा नर्मदा नदी तटों पर आस्था के मेलेे लगे। इसके अलावा शिव मंदिर भोजपुर, हाथी बावड़ी बनछोड़, जाखा नदी के पुल के समीप, पग्नेश्वर बेतवा नदी घाटों पर मकर संक्रांति मेले लगे, जिसमें पवित्र नदी सरोवरों में लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था श्रद्धा की डुबकी लगाई।
उदयपुरा. तहसील उदयपुरा के दक्षिणी भाग की सीमा नर्मदा बनाती है और उदयपुरा तहसील क्षेत्र में मां नर्मदा टिमरावन से शुरू होकर खुनिया वरहा तक जाती है। दक्षिण में नरसिंहपुर जिला की गाडरवारा तहसील है। समूची तहसील क्षेत्र के नर्मदा तटों पर मकर संक्रांति के अवसर बड़ी संख्या में श्रद्धालु डुबकी लगाने पहुंचे। ग्राम हीरापुर से लेकर शोकलपुर, पतई, अनघोरा, उडिय़ा सहित अनेक घाटों पर काफी भीड़ रही। सबसे अधिक संख्या में लोग नर्मदा तट बौरास पहुंचे और यहां हजारों की संख्या में श्रद्घालुओं ने पुण्य सलिला नर्मदा में डुबकी लगाई। सुबह से ही गैरतगंज, बेगमगंज, सिलवानी और विदिशा जिले से आने वाले मां नर्मदा के भक्तों का तांता लगा रहा।
सिलवानी. मकर संक्रांति के अवसर पर नगर के युवाओं का एक जत्था पैदल ही नर्मदा घाट बौरास के लिए रवाना हुआ जो कि देर रात को बौरास पहुंचा। रास्ते में पडऩे वाले गावों में पद यात्रियों का स्वागत किया गया। सुबह के समय मां विजयासन मंदिर में पूजा-अर्चना कर समाजसेवी व पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष मुकेश राय के नेतृत्व में युवाओं का एक जत्था नर्मदा घाट बौरास के लिए रवाना हुआ। 40 किलो मीटर की यात्रा कर सभी पद यात्री देर रात नर्मदा घाट बौरास पहुंचे। इसके बाद बुधवार को बोरास घाट पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।