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रायसेन

कहीं भारी न पड़ जाए, जर्जर शासकीय आवासों की अनदेखी

एक वर्ष पहले नगर परिषद ने कहा था कि शीघ्र ही जर्जर भवनों को तोडऩे के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे

रायसेनJul 27, 2020 / 12:09 am

chandan singh rajput

कहीं भारी न पड़ जाए, जर्जर शासकीय आवासों की अनदेखी

कहीं भारी न पड़ जाए, जर्जर शासकीय आवासों की अनदेखी

बरेली. नगर में कई विभागों के कर्मचारियों के लिए बनाए गए शासकीय आवासों की स्थिति काफी खराब हो चुकी है। ऐसा नहीं है कि बारिश के मौसम में ही इन भवनों की दुर्दशा देखने को मिल रही है, बल्कि कई वर्षों से कई जर्जर भवनों में शासकीय कर्मचारी निवास कर रहे हैं। एक वर्ष पहले नगर परिषद ने कहा था कि शीघ्र ही जर्जर भवनों को तोडऩे के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। परंतु नप की कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। बताया जा रहा है कि इसमें जनप्रतिनिधियों की सहमति नहीं बनी थी। बारिश के मौसम में जर्जर भवनों से हादसों का खतरा बढऩे लगा। शहर में कई मकान खस्ता हालत में हैं, इसके बाद भी लोग निवास कर रहे हैं। भारी बारिश में जर्जर आवास गिरकर धराशाई हो सकते हैं। ऐसे में प्रशासन एवं नगर परिषद को इन भवनों को गिराने की कार्रवाई करना चाहिए।
दीवारों में आई दरारें
ज्यादातर आवासों की दीवारें कमजोर हो चुकी। इनमें जगह-जगह से दरार आने लगी। वहीं इन मकानों का फर्श उखड़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि दो-तीन वर्षों से इनकी मरम्मत नहीं हो सकी, जबकि लोक निर्माण विभाग द्वारा जर्जर हो चुके भवनों की मरम्मत पर अच्छी खासी रकम हर साल खर्च की जाती है। इसके बाद भी हालत नहीं सुधर सकी।
पन्नी डालकर रह रहे
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पीछे चिकित्स्कों के निवास सहित सामने निर्मित भवनों में रह रहे डॉक्टरों द्वारा भवनों के ऊपर पन्नियां तानी गई है, जिससे बारिश का पानी घर के अंदर नहीं आ सके। मगर पन्नी हवा में फटने पर पानी अंदर गिरता है। वहीं सरकारी आवासों तक पहुंचने वाले मार्ग की हालत भी खराब है।
भरभराकर गिर गया था चौकीदार भवन
हाल ही में कुछ दिन पहले शासकीय गोदाम के पास निर्मित चौकीदार भवन भरभरा कर गिर गया था। जब एसडीएम बृजेन्द्र रावत से यहां के जर्जर भवनों के संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने कहा था कि मुझे इस संबंध में अभी जानकारी नहीं है। फिर भी मैं पीडब्लूडी से जर्जर शासकीय भवनों की सूची मंगवाकर उन्हें चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद उन्हें तोडऩे की प्रक्रिया बढ़ाई जाएगी। मगर एसडीएम की बात अब तक पूरी नहीं हो सकी और स्थिति जस की तस बनी है।
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