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रायसेन

जेल में मेहरबानी-बैरक में देखता एलईडी टीवी, मोबाइल से चलाता बाहर नेटवर्क

विचाराधीन बंदियों के साथ सजायाफ्ता बंदी। बैरक में मिला ऐसा सामान जिसे देखते ही छूटे पसीने।

रायसेनNov 02, 2016 / 09:14 am

raktim tiwari

 no one can became Anandpal, so alert officer

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किशनगढ़ के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया की हत्या के मामले में सजायाफ्ता बंदी बलवाराम जाट जेल में मौज उड़ा रहा है। बलवा पर जेल प्रशासन की विशेष मेहर है। 

यहीं कारण है कि बलवाराम को सजायाफ्ता कैदियों के साथ ना रखकर विचाराधीन बंदियों के साथ रखा जा रहा। यहीं नहीं उसको जेल की कोटड़ी में टीवी जैसी सुविधा भी दी जा रही है। हालांकि जेल प्रशासन अलग कोटड़ी में रखे जाने को बतौर सजा करार देता है लेकिन सजायाफ्ता कैदियों के लिए यह सजा भी मजे में तब्दील हो जाती है।
अजमेर सेन्ट्रल जेल में सजायाफ्ता कैदी मौज उड़ा रहे हैं। जेल में जैमर के बावजूद जहां धड़ल्ले से मोबाइल का इस्तेमाल हो रहा है। वहीं बंदियों को मनमाफिक बैरक व कोटड़ी में रखा जाता है। यही नहीं उन्हें बैरक में टेलीविजन जैसी सुविधा तक मुहैया करवा दी गई है। जेल यह सुविधा बहुचर्चित भंवर सिनोदिया हत्याकांड का मुख्य आरोपित बलवाराम जाट सरिके अपराधियों की दी जा रही है। बलवाराम जेल की कोटड़ी में विचाराधिन बंदियों के साथ वीआईपी वार्ड में मजे उड़ा रहा हैं। जेल प्रशासन ने बलवाराम जाट सहित अन्य वीआईपी कैदियों के लिए इस वार्ड में तमाम सुख-सुविधा का सामान जुटा रखा है।
सजायाता के लिए है वार्ड

अजमेर सेन्ट्रल जेल में सजायाफ्ता कैदियों के लिए 5, 6, 7 और 8 नबर बैरक है। बलवाराम को बैरक 12 के कोटड़ी नबर 5 में रखा जाता है। यह बैरक जेल में वीआईपी वार्ड के नाम से जाना जाता है। यह वार्ड विचाराधीन बंदियों के लिए है मगर बलवाराम लम्बे समय से यहां सजा काट रहा है। जेल सूत्रों के मुताबिक बैरक में भंवरी हत्याकांड के आरोपित मलखान सिंह सहित अन्य वीवीआईपी को रखा जाता है। यहां जेल के वीवीआईपी मेहमान को राजशाही ठाठ बाठ दिया जाता है।
बलवा से चुका है मोबाइल

पुलिस और जेल प्रशासन के बलवा की बैरक और कोटड़ी के आसपास से मोबाइल, सिमकार्ड व बैट्री सहित आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद कर चुकी है। गत 26 अक्टूबर को भी बलवा की कोटड़ी के सामान मोबाइल, सिमकार्ड और चार्जर किया। जो जेल में जैमर और मोबाइल के बीच बनी व्यवस्था की कड़ी को उजागर करता है। हालांकि जेल प्रशासन ने बलवाराम जाट के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदियों को अलग-अलग बैरक में रखा जाता है। जो जेल में बदमाशी करता है उनके लिए अलग कोटड़ी की व्यवस्था है। बतौर सजा उनको अलग कोटडी में रखा जाता है।

संजय यादव, सेन्ट्रल जेल अधीक्षक अजमेर

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