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रायसेन

कृषि उपज मण्डी में तीसरे दिन भी नहीं हुई उपज की खरीदी

तीन दिनी हड़ताल का असर-मण्डी परिसर में दिनभर पसरा रहा सन्नाटा

रायसेनJun 24, 2018 / 10:19 am

Shibu lal yadav

Shop, procurement of farmers from warehouses, hike on subdivision

कृषि उपज मण्डी में तीसरे दिन भी नहीं हुई उपज की खरीदी

रायसेन. जहां एक ओर प्रदेश सरकार की किसान हितैषी योजना भावांतर और फसल बिक्री पर बोनस की घोषणा से अनाज कारोबारी नाखुश हैं। वहीं गुरूवार से शनिवार तक तीन दिनी अनाज कारोबारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर काम बंद हड़ताल शुरू की । रायसेन की भी कृषि उपज मंडी में तीनों दिन इस हड़ताल का काफी असर देखने को मिला।

हड़ताल के कारा तीन दिनों में मंडी प्रबंधन को राजस्व आय का करीब एक लाख रूपए के नुकान की खरबर मिली है।शनिवार को सुबह अनाज कारोबारियों ने तिलहन आनाज महासंघ के अध्यक्ष कन्हैया सोनी,व्यापारी प्रतिनिधि मिथलेश सोनी,कैशराम साहू के नेतृत्व में मंडी सचिव बसेडिय़ा शर्मा को ज्ञापन सौंपा ।

मंडी सचिव उमेश कुमार बसेडिय़ा का कहना है कि इस घाटे की भरपाई बाद में हो जाएगी।गल्ला मंडी परिसर में तीनों दिन सुबह से लेकर शाम तक सन्नाटा सा पसरा रहा। वहीं हम्माल तुलावटिए तो मंडी में आए लेकिन अनाज की खरीदी,नीलामी बिक्री नहीं होने से वह दिनभर बैठे रहे।

अधिकांश अनाज करोबारी भी हड़ताल में शामिल रहे । वह दिनभर अपनी दुकानों का बंद रखकर व्यापारी विरोधी नीति के प्रति आक्रोश जताया। सकल अनाज,तिलहन व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष कन्हैया सोनी, मंडी में व्यापारी प्रतिनिधि मिथलेश सोनी, मनोज राठौर,इरफान खान,मनोज राहुल खत्री ,युवा गल्ला व्यापारी मनोज सोनी,कैशराम साहू, अशोक कुमार विपुल सोनी,अखिल नीलेश अभिषेक सोनी, शंकरलाल चक्रवर्ती,बाबूलाल राठौर,फूल सिंह राठौर, पवन राठौर,मूलचंद कुशवाहा आदि प्रतिदिन सुबह मंडी प्रांगण में एकजुट होकर एकत्रित हुए।

विरोध स्वरू प नारेबाजी भी की । अनाज कारोबारियों ने यहां योजनाओं के माध्यम से व्यापार के सरकारी करण का आरोप लगाया ।एसोसिएशन के अध्यक्ष कन्हैया मुन्ना भैया सोनी ने बताया कि रायसेन समेत जिलेभर की मंडियों में 21 से 23 जून तक पूरी तरह से हड़ताल की ।

मंउी में व्यापारी प्रतिनिधि मिथलेश सोनी ,अशोक कुमार ,मनोज सोनी कैश राम साहू ने बताया कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद मप्र की शिवसरकार ने कई योजनाएं किसान हित में चलाकर अनाज व्यापार का सरकारीकरण कर दिया है।इससे प्रदेश का अनाज कारोबार ठप होनकी कगार पर है। उधर मंडी सचिव उमेश कुमार बसेडिय़ा ने बताया कि गुरूवार को अनाज कारोबारियों की हड़ताल के असर के चलते किसान ना तो उपज लेकर पहुंचे और ना अनाज कारोबारियों ने खरीदी बिक्री की । इस वजह से मंडी में दिनभर सन्नाटे का आलम रहा ।

ये प्रमुख मांगें है अनाज कारोबारियों की ….
सरकार 1 जुलाई से अनाज मंडियों में ई-नीलामी व्यवस्था शुरू करने जा रही है।इसको लेकर हमारी अनाज तिलहन व्यापार महासंघ एसोसिएशन का इस नीति को लेकर विरोध है।एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि अभी कृषि उपज मंडियों में खरीदी-बिक्री को लेकर आएदिन विवाद हो जाते हैं।

फिर ऑनलाइन सौदों से समस्याएं खड़ी होंगी । आयकर एक्ट में किसानों को 2 लाख तक का नकद भुगतान किसान को करने की छूट है। लेकिन इसके लिए यह साबित करना होगा कि भुगतान किसान को हो रहा है अथवा नहीं । सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो आगामी एक जुलाई सेएक फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल प्रारंभ कर देंगे।

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