असहायों के लिए फरिश्ता बनी टीम
कारण वश भोजन से मोहताज लोगों के लिए टीम पहल फरिश्ता साबित हो रही है। अपनों के ही तिरस्कार से जिंदगी के आखिरी पड़ाव में सहानभूति के दो बोल और कुछ निवालों के लिए मोहताज लोगों को तलाश कर टीम हर संभव मदद कर रही है, जो नगर के अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है।
रायसेन. ‘अटलजी के शब्द आज भी कानो में गूंजते हैं। उन्होंने कहा था कि चुनाव के बहाने ही सही, लेकिन अंतिम छोर तक के व्यक्ति तक पहुंचना है। उनके दुख और तकलीफों को समझना है। राजनीति में सेवा का भाव ही सर्वोपरि हो। परिणाम की चिंता नहीं, बल्कि यह इस सोच से काम करें कि हर व्यक्ति तक पहुंचकर उसके सुख-दुख में शामिल होना है।Ó
वर्ष १९९१ में रायसेन-विदिशा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़े अटल बिहारी बाजपेयी आज दुनिया से चले गए, लेकिन उनके ये शब्द चुऩाव के दौरान प्रचार और व्यवस्थाओं में लगे कार्यकर्ताओं को आज भी याद हैं। रायसेन के वरिष्ठ भाजपा नेता हरिनारायण सक्सेना और सुल्तानपुर के वरिष्ठ नेता सुरेश श्रीवास्तव ने अटल जी को याद करते हुए उनके कई संस्मरण सुनाए।
सक्सेना ने बताया कि ‘अटल जी केशल राजनीतिक होने के साथ कार्यकर्ताओं का भी विशेष ध्यान रखते थे। हर छोटे-बड़े कार्यकर्ता को महत्व देना उनकी खासियत थी। श्रीवास्तव ने बताया कि पहली बार जब वे चुनाव प्रचार के सिलसिले में सुल्तानपुर पहुंचे, तो ऐसा नहीं लगा कि इतने बड़े और पीएम पद के प्रमुख दावेदार से बात कर रहे हों। वे हर कार्यकर्ता से ऐसे मिले जेसे वर्षों से परिचित हों। उन्होंने कहा कि था कि जात-पात का भेदभाव रहित मानव सेवा ही पार्टी की सेवा है।