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रायसेन

हर लाचार व्यक्ति तक मदद पहुंचाने की ‘पहल

बरेली. शहर के युवाओं ने गरीबों और असहायों की मदद का बीड़ा उठाया है। इसी के चलते उन्होंने बीते कुछ महीनों में वो कर दिखाया है, जिसे करने के लिए दिल में सहानुभूति का जज्बा होना जरूरी है। शहर के युवाओं की टीम कुछ ऐसे ही काम कर रही है।

रायसेनAug 17, 2018 / 09:46 am

chandan singh rajput

stuck bus

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बरेली. शहर के युवाओं ने गरीबों और असहायों की मदद का बीड़ा उठाया है। इसी के चलते उन्होंने बीते कुछ महीनों में वो कर दिखाया है, जिसे करने के लिए दिल में सहानुभूति का जज्बा होना जरूरी है। शहर के युवाओं की टीम कुछ ऐसे ही काम कर रही है।
चाहे सड़क पर बीमार पशु हो या घर में बीमारी से कराह रहा कोई व्यक्ति। किसी गरीब के पास खाने, पीने ओढऩे, बिछाने के इंतजाम न हो तो युवाओं की यह टीम उसकी मदद के लिए खड़ी दिखाई देती है। किसी के अंतिम संस्कार के इंतजाम न हों तो भी इस टीम के सदस्य आगे आकर यह काम भी पूरी शिद्दत से करते हैं। इसी उद्देश्य से टीम ‘पहलÓ के नाम से बनी युवाओं ने इस टीम ने एक नया काम शुरू किया है। शहर में अब कोई गरीब, असहाय भूखा नहीं सोएगा।
टीम पहल द्वारा संचालित निशुल्क भोजन सुविधा के अंतर्गत अब युवाओं की टीम उन लोगों घर तक खाना पहुंचाएगी, जो न केवल भोजनालय तक आने और कुछ कमाने में असमर्थ हैं, बल्कि निराश्रित हंै।
सूचना मिलने पर ऐसे हर भूखे व्यक्ति तक टीम पहल दोनों समय विशेष पहल करते हुए भोजन के डब्बे पहुंचाएगी। साथ ही अन्य जरूरी सामान भी देगी। टीम पहल ने जन सामान्य से अपील है कि इस तरह के व्यक्ति की जानकारी मोबाइल नम्बर 942502080 पर या कार्यालय में देकर सहयोग करें।
असहायों के लिए फरिश्ता बनी टीम
कारण वश भोजन से मोहताज लोगों के लिए टीम पहल फरिश्ता साबित हो रही है। अपनों के ही तिरस्कार से जिंदगी के आखिरी पड़ाव में सहानभूति के दो बोल और कुछ निवालों के लिए मोहताज लोगों को तलाश कर टीम हर संभव मदद कर रही है, जो नगर के अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है।
‘चुनाव के बहाने अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है
रायसेन. ‘अटलजी के शब्द आज भी कानो में गूंजते हैं। उन्होंने कहा था कि चुनाव के बहाने ही सही, लेकिन अंतिम छोर तक के व्यक्ति तक पहुंचना है। उनके दुख और तकलीफों को समझना है। राजनीति में सेवा का भाव ही सर्वोपरि हो। परिणाम की चिंता नहीं, बल्कि यह इस सोच से काम करें कि हर व्यक्ति तक पहुंचकर उसके सुख-दुख में शामिल होना है।Ó
वर्ष १९९१ में रायसेन-विदिशा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़े अटल बिहारी बाजपेयी आज दुनिया से चले गए, लेकिन उनके ये शब्द चुऩाव के दौरान प्रचार और व्यवस्थाओं में लगे कार्यकर्ताओं को आज भी याद हैं। रायसेन के वरिष्ठ भाजपा नेता हरिनारायण सक्सेना और सुल्तानपुर के वरिष्ठ नेता सुरेश श्रीवास्तव ने अटल जी को याद करते हुए उनके कई संस्मरण सुनाए।
सबको महत्व देना उनकी खासियत थी
सक्सेना ने बताया कि ‘अटल जी केशल राजनीतिक होने के साथ कार्यकर्ताओं का भी विशेष ध्यान रखते थे। हर छोटे-बड़े कार्यकर्ता को महत्व देना उनकी खासियत थी। श्रीवास्तव ने बताया कि पहली बार जब वे चुनाव प्रचार के सिलसिले में सुल्तानपुर पहुंचे, तो ऐसा नहीं लगा कि इतने बड़े और पीएम पद के प्रमुख दावेदार से बात कर रहे हों। वे हर कार्यकर्ता से ऐसे मिले जेसे वर्षों से परिचित हों। उन्होंने कहा कि था कि जात-पात का भेदभाव रहित मानव सेवा ही पार्टी की सेवा है।

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