कोरोना वायरस के इस संकट के दौर में उन्हे मेरे संक्रमित होने का डर लगा रहता है। जहां तहां से ऐसी खबरें सुनने को मिल रही हैं, जिससे उनकी चिंता और बढ़ जाती है। रानी ने बताया कि देश पर संकट है, इसलिए परिवार बाद में पहले देश की सेवा करना है। हमने जो शपथ ली है, उसे हर हाल में निभाना है।
ये है व्यवस्था
जिला अस्पताल के इमरजेंसी रूम को वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए कोरोना या फ्लोर की ओपीडी के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इसमें कार्यरत समस्त कर्मचारी एवं डॉक्टर, स्टाफ नर्स पूरी तरह से पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यिुपमेंट पहनकर कार्य करते हैं। कार्य का भार वर्तमान परिस्थितियों में बहुत ज्यादा बढ़ गया है। क्योंकि आज आम जनता को किसी को भी सर्दी खांसी भी होती है तो उसे कोरोना की जांच करवाने का ख्याल आता है।
इस यूनिट में कार्य करने वाला व्यक्ति अपने घर भी नहीं जा पाता। जब घर जाने का समय मिल जाए तो उसे डर लगा रहता है कि मेरे परिवार को कोई इंफेक्शन मेरे द्वारा ना पहुंच जाए। जब वो अस्पताल में ही रुकता है तो परिवार, बच्चों की चिंता सताती है। इन सभी विकट समस्याओं के बावजूद मेडीकल और पैरामेडीकल स्टॉफ का हर एक व्यक्ति अपनी पूरी निष्ठा से मेहनत के साथ बहादुरी पूर्वक कार्य कर रहा है। जिला अस्पताल के सारे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ , सफाईकर्मी, सुरक्षाकर्मी सभी जिला अस्पताल के आसपास ही निवास कर रहे हैं। किसी भी आपातकालीन परिस्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार हैं। न्यूनतम संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद एक भी व्यक्ति ने अपने कर्तव्य से कदम पीछे नहीं हटाया है।