इधर मप्र चिकित्सक संघ ने अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर क्रमबद्ध तरीके से हड़़ताल पर जाने का मन बना लिया है। संघ के जिलाध्यक्ष निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ.अनिल ओड़,महासचिव दिनेश खत्री ने बताया कि 11 अगस्त शनिवार से मप्र चिकित्सक संघ के प्रांत व्यापी आव्हान पर काली पट्टी बांधकर क्रमबद्ध आन्दोलन का डॉक्टरों ने शंखनाद कर दिया है। इन संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि हमारी जायज मांगों को लेकर पूर्व में मप्र सरकार सहित विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन भेजकर अपनी जायज मांगों के मामले में अवगत करवा दिया गया है। बावजूद इसके अभी तक कोई समाधान नहीं निकल सका है।पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और स्वास्थ्य मंत्री को भी ज्ञापन दिया गया था।
इसमें सरकार ने 10 दिनों का समय मांगा था। इसकी समयसीमा 10 अगस्त को समाप्त हो चुकी है। उधर शनिवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में डॉक्टर भी पहुंचे। लेकिन इन डॉक्टरों ने अपनी 14 सूत्रीय मांगों के समर्थन में काली पट्टी हाथ की बाजुओं में बांधकर विरोध किया। उन्होंने रोजाना की तरह मरीजों का चेकअप कर उनका जरूरी इलाज भी किया। लेकिन हाथों की बाजुओं में काली पट्टी बांधी और विरोध भी जताया। वहीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. बीबी गुप्ता का कहना है कि चिकित्सकों की क्रमबद्ध हड़ताल संगठन के प्रांतीय आव्हान पर हो रहा है। लेकिन शनिवार को डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज किया और वार्ड राउंड पर गए।
डॉक्टरों की ये हैं प्रमुख मांगें…
अन्य संवर्गों की तरह चिकित्सकों का भी राज्य चिकित्सा सेवा संगठन गठित किया जाए।प्रदेशभर के शासकीय चिकित्सकों को अन्य प्रदेशों की तरह 6 वर्ष की सेवा उपरांत नया वेतनमान, रनिंग पे-स्कैल सहित अन्य फायदा दिया जाए। विभाग में विषयवार पदोन्नति में व्याप्त विसंगतियों का निराकरण कर पदोन्नति प्रदान की जावे। मप्र उच्च न्यायालय द्वारा डॉक्टरों के वेतन से रिकबरी नहीं करने एवं वेतनमान की गणना नियुक्ति दिनांक से करने के लिए निर्णय दिया है। इसी तरह अन्य समस्याओं को लेकर डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे।