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रायसेन

बढ़ रहा संक्रमण का खतरा, जिला अस्पताल में लगी मरीजों की कतार

पल-पल बदलता मौसम हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है.

रायसेनSep 04, 2018 / 12:15 pm

chandan singh rajput

rajgarh news

People from Tarana village suffering from vomiting and vomiting in civil hospital.

रायसेन. पल-पल बदलता मौसम हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है। साथ ही ऐसे मौसम में बीमारियों के वायरस भी तेजी से फैलते और पनपते हैं। इसका उदाहरण जिला चिकित्सालय में देखने को भी मिल रहा है। आलम यह है कि जिला अस्पताल की ओपीडी में अब ज्यादातर मरीज सर्दी, जुकाम, शरीर में अकडऩ और सिरदर्द, खुजली, वायरल फीवर के मरीजों की संख्या तेजी से बढऩे लगी है।

वर्तमान में जिला अस्पताल की ओपीडी कभी एक हजार तो कभी ११००-१२०० के आंकड़े को छू रही है। इन बैक्टीरिया के सक्रिय होने से हर चौथा व्यक्ति सामान्य सर्दी जुकाम, कोल्ड कफ और थ्रोट इंफेक्शन के संक्रमण से ग्रसित होकर आ रहे हैं। डॉक्टर यशपाल सिंह बाल्यान, ईएनटी विशेषज्ञ पीएस ठाकुर के मुताबिक अनुसार यह एक तरह का ऋतु संक्रमण का दौर है, जिसमें वातावरण में क भी तेज धूप तो कभी नमी हो रही है। इस नमी व गर्मी के बीच लोगों की दिनचर्या और खानपान की आदतेें भी प्रभावित हो रही हैं।

इस बीच कभी सामान्य पानी का सेवन तो कभी फ्रिज के पानी का सेवन और धूप से कमरों में जाकर पंखे कूलर व एसी की हवा खाने के कारण गले में खराश, इंफेक्शन होने लगा है। इसी से वायरल फीवर भी लोगों को परेशान करने लगा है।

विशेषज्ञों ने कहा-बचाव के लिए ये रखें सावधानी
इस संबंध में विशेषज्ञों की राय ये है कि बीमारियों से बचने के लिए पानी को उबालकर, ठंडा करने के बाद छानकर पीएं। सुबह और रात में सोने से पहले गुनगुना पानी पीयें। होटलों का भोजन, तली हुई चीजों का सेवन करने से बचें। जुकाम होने की स्थिति में अपने कपड़े अलग रखें, ताकि घर में और किसी को इन्फेक्शन न हो।

शरीर अकडऩ के साथ ही थ्रोट इन्फैक्शन के मरीजों की अस्पताल में संख्या ज्यादा
डॉक्टरों के अनुसार अभी थ्रोट इंफेक्शन के मरीज और सर्दी जुकाम, खासी सिरदर्द और शरीर में अकडऩ के मरीज ज्यादा पहुंच रहे हैं। कुछ मरीजों को गले में टॉन्सिल की शिकायतें भी हैं। इसके अलावा गले में दर्द, कोल्ड कफ, गला छिलने की शिकायतें भी हो रही हैं। डॉ. पीएस ठाकुर के अनुसार लंबे समय तक गले में संक्रमण रहने के कारण जुकाम फेफड़ों तक पहुंच जाता है। इससे फेफड़ों में संक्रमण की शिकायतें भी बढ़ जाती हैं। बच्चों में इससे निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। जिले के अस्पताल सहित शहर के प्रायोट क्लीनिकों पर भी इस तरह के मरीजों की भीड़ बढऩे लगी है। इसके अलावा मलेरिया भी तेजी से फैलने लगा है।

जिले में मौसम के बदलाव के कारण मरीजों को ये हो रही परेशानी
जिला अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक मरीजों को सर्दी-जुकाम के साथ ही गला चौक हो रहा है। तेज बुखार के साथ आंखों में जलन, सिर दर्द ,कोल्ड कफ की लगातार शिकायतें हो रही हैं। इसके अलावा गले में खराश, सिर दर्द, खाने पीने की चीजें गले में निगलने से तकलीफ हो रही है। बादलों के बीच कभी तेज धूप के कारण वायरस सक्रिय होने से, सर्द गर्म की स्थिति, सामान्य पानी पीने के बाद ठंडे पानी का सेवन करने। सुबह और रात में ठंडक पर दिन में गर्मी बरकरार रहने से परेशानी बढऩे लगी है।

थ्रोट इंफेक्शन, कोल्ड कफ के साथ ही टॉन्शिल्स की समस्या मरीजों को होने लगी हैं। कुछ मरीजों को तो संक्रमण भी बढ़ रहा है। इस रोग से बचने के लिए सामान्यत: एहतियात बरतने की जरूरत होती है। शिकायत होने पर तुरंत डॉक्टरों से परामर्श लेना चाहिए।
पीएस ठाकुर, ई एंड टी विशेषज्ञ जिला अस्पताल

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