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रायसेन

बंदरों को भोजन कराना पड़ा भारी, गई बच्चे की जान

कार और ट्रक की टक्कर में आठ दिन के बच्चे की मौतचार अन्य गंभीर, सगौर मोड़ की घटना, बंदरों को खाना खिलाने खड़ी की थी कार।

रायसेनJan 20, 2022 / 09:10 pm

praveen shrivastava

बंदरों को भोजन कराना पड़ा भारी, गई बच्चे की जान

बंदरों को भोजन कराना पड़ा भारी, गई बच्चे की जान

गैरतगंज. तहसील क्षेत्र के भोपाल सागर मार्ग पर डेंजर जोन के नाम से जाना जाने वाली गढ़ी घाटी क्षेत्र में गुरुवार दोपहर हुए हादसे में एक आठ दिन के बच्चे की मौत हो गई। दुर्घटना उस समय हुई जब घटी पर बंदरों को भोजन देने रुकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर में कार बुरी तरह छतिग्रस्त हुई तथाट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। कार में बैठे लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
जानकारी के मुताबिक गढ़ी घाटी के जंगली क्षेत्र में सागौर मोड़ पर भोपाल की ओर से आ रही कार क्रमांक एमपी 04 सीएच 7321 एवं ट्रक में भिड़ंत हुई। इस घटना में कार चालक 28 वर्षीय रविशंकर पिता बाबूलाल मेहरा निवासी भोपाल, 32 वर्षीय अरविंद पिता पर्वत पटेल, 27 वर्षीय प्रदीप पिता गौरीशंकर पटेल, 52 वर्षीय पूना बाई पति पर्वत पटेल तथा आठ दिन का बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। घटना के बाद ट्रक चालक फरार हो गया। कार में बुरी तरह फंसे घायलों को बमुश्किल निकाला गया। सभी को गैरतगंज स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। घायलों का इलाज कर रहे डॉक्टर नीलेश चौरसिया ने बताया कि घायल अरविंद, प्रदीप, पूना बाई को घटना में अत्यधिक रक्तस्राव हुआ है।
बच्चे को डिस्चार्ज कराकर जा रहे थे घर
घटना में घायल हुए लोग अपने 8 दिनों के बच्चे को भोपाल स्थित किसी अस्पताल से डिस्चार्ज कराकर अपन घर सागर ले जा रहे थे। घायलों में शामिल बच्चे की दादी पूना बाई ने बताया कि बच्चे का जन्म कम माह में होने के चलते कमजोर था, उसका भोपाल के अस्पताल में इलाज चल रहा था। वही बच्चे की मां सागर में ही इलाज करा रही है।
अस्पताल में नहीं मिला स्टे्रचर
नगर के सरकारी अस्पताल में संसाधनों की कमी एवं अव्यवस्थाओं के चलते एक बार फिर गंभीर हालात में पहुंचे घायल तड़पते रहे। एम्बुलेंस की मदद से घटनास्थल से अस्पताल लाने के बाद घायलों को उतारने के लिए अस्पताल में स्ट्रेचर ही नहीं था, न ही कोई कर्मचार था। जिससे घायलों का एम्बुलेंस में ही इलाज करना पड़ा और वहीं से रेफर कर दिया।
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